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    बाराबंकी में एकाउंटेंट और व्यापारी को साइबर ठगों ने बनाया शिकार, खाते से उड़ाए छह लाख रुपये

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 04:07 PM (IST)

    बाराबंकी में साइबर ठगों ने एक एकाउंटेंट और एक व्यापारी को अपना शिकार बनाया और उनके खातों से छह लाख रुपये उड़ा लिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकि ...और पढ़ें

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    एकाउंटेंट और व्यापारी को साइबर ठगों ने लगाया छह लाख का चूना।

    संवाद सूत्र, बाराबंकी। लिंक और एपीके फाइल भेजकर साइबर ठगों ने दो लोगों को करीब छह लाख रुपये का चूना लगा दिया। भुक्तभोगी एकाउंटेंट और व्यापारी की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने मामले की जांच की, जिसके बाद कोतवाली नगर में साइबर ठगों पर आइटी एक्ट के तहत मुकदमा लिखा गया है।

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    कोतवाली नगर के सरावगी मुहल्ला निवासी करन कुमार एकाउंटेंट हैं। करन के अनुसार टेलीग्राम के माध्यम से वह पार्ट टाइम जाब और आनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगों के संपर्क में आए।

    जिस पर उन्हें पहले एक हजार का टास्क दिया गया, जिसको पूरा करने पर तत्काल 1450 रुपये मिले, एहतियात के तौर पर उन्होंने आगे टास्क लेने और ट्रेडिंग करने से मना कर दिया, लेकिन झांसे में आकर फिर 7100 रुपये का टास्क पूरा किया और 8450 रुपये खाते में आ गए।

    इस बार काफी कहने पर भी करन ने ट्रेडिंग करने से मना कर दिया तो साइबर ठग ने फोन कर बताया कि ट्रेडिंग बंद करने के लिए एक लिंक भेजा जा रहा है जिससे ट्रेडिंग बंद हो जाएगगी। वह बात करते रहे और लिंक को खोल दिया।

    करीब दस मिनट तक साइबर ठग करन को बातों में उलझाए रहा इसी बीच उसके खाते से एक लाख 54 हजार रुपये निकल गए। फोन कटने पर जब उन्होंने बैलेंस चेक किया तो फ्राड की जानकारी हुई।

    वहीं लैय्या मंडी निवासी व्यापारी की प्रशांत वर्मा जिनकी नगर की मुख्य बाजार में दुकान है। प्रशांत वर्मा के अनुसार उनके पास एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने बताया कि एक महिला का एक्सीडेंट हुआ है, जिसके पास से उनकी आईडी मिली है। वह घायल की फोटो भेज रहे हैं।

    प्रशांत ने बताया कि उन्होंने फोटो खोलकर देखा जिसके बाद उनके खाते से 4.20 लाख रुपये निकल गए, दूसरे दिन सुबह फिर से खाते में आए 20 हजार रुपये वह भी निकाले गए।

    दोनों पीड़ितों की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने जांच कर कोतवाली नगर को भेजी, जिसके बाद दोनों प्रकरण में पुलिस ने साइबर फ्राड का मुकदमा दर्ज किया है। एसएचओ सुधीर सिंह ने बताया कि दोनों भुक्तभोगियों से बात कर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    एपीके फाइल, अज्ञात लिंक को न खोलें और किसी को बैंक डिटेल व ओटीपी न बताएं। साइबर ठगी से बचने का एक मात्र हथियार जागरूकता है। यदि फिर भी साइबर फ्राड होता है तो तत्काल 1930 टोल फ्री नंबर पर सूचना दर्ज कराएं। -अर्पित विजयवर्गीय, पुलिस अधीक्षक।