मौसम की मार से तबाह हुईं रबी की फसलें
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बाराबंकी : मौसम एक बार फिर रबी फसलों पर कहर बनकर टूटा। गुरुवार की रात तेज बारिश व हवा के साथ जिले के कई इलाकों में ओलावृष्टि हुई। इससे सरसों, आलू, चना, मटर, मसूर व गेहूं आदि फसलें बर्बाद हुई हैं।
चार व पांच मार्च को बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को 20 से 50 फीसदी तक नुकसान हुआ था लेकिन अब नुकसान का औसत 40 से 70 नीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। गुरुवार की रात को सबसे ज्यादा ओलावृष्टि तहसील फतेहपुर व रामनगर इलाके में हुई। फतेहपुर तहसील के निदूरा, कुर्सी, बाबागंज, टिकैतगंज, रीवां सामना, विशुनपुर, बेलहरा आदि स्थानों पर ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो गईं। तहसील नवाबगंज का वह इलाका ज्यादा प्रभावित हुआ जो फतेहपुर का सीमावर्ती है। इसमें देवा, जहांगीराबाद, सद्दीपुर का इलाका विशेष रूप से शामिल है, जहां ओलावृष्टि हुई। रामनगर तहसील के सूरतगढ़, महादेवा, गणेशपुर, त्रिलोकपुर, रानीबाजार, सआदतगंज आदि स्थानों पर बारिश व ओलावृष्टि ने फसलों की कमर तोड़ दी।
देवा ब्लॉक के कोडरी व फतेहपुर के भेड़हा पुरवा के आसपास सरसों की फलियां ओलावृष्टि से फट कर खेत में ही बिखर गईं। खेत में अब सिर्फ सरसों की पराली ही रह गई है। पवैया बाद व टीपहर गांव के कई खेतों में आलू की फसल इसलिए जोतवाई गई थी कि आलू शुक्रवार को बीने जाएंगे मगर खेतों में पानी भर गया। अब फसल सड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। शुक्रवार को सुबह साढे़ 10 बजे के बाद मौसम फिर बदल गया। तहसील नवाबगंज के बंकी, हरख व हैदरगढ़ के सिद्धौर ब्लॉक इलाके में तेज बारिश हुई। हल्की ओलावृष्टि भी हुई। जबकि रामनगर तहसील क्षेत्र में जबरदस्त ओले गिरे।
रामनगर पीजी कॉलेज की प्रवक्ता अर्चना पांडेय ने बताया कि कॉलेज परिसर में ओला की परत जम गई। सड़कों पर सफेद बर्फ की चादर सी बिछ गई। पशु-पक्षी सहित अन्य वन्य जीव परेशान हो गए। ग्राम ददौरा निवासी शिव बालक गुप्ता, अयोध्या प्रसाद शुक्ल, शिव कुमार अवस्थी आदि ने बताया कि उनकी गेहूं व सरसों की फसलें 90 फीसदी तक नष्ट हो गई हैं। बिठौरा निवासी किसान मायाराम वर्मा ने बताया कि उनकी सरसों, आलू व गेहूं तीनों फसलें खराब हुई हैं। आलू खेत में ही सड़ जाएगा

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