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    वह कौन है जिससे मिलने आया था छांगुर? यूपी के इस जिले से जुड़ रहा पुणे की जमीन का कनेक्शन, एएसपी ने कही ये बात

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 03:32 PM (IST)

    पुणे जमीन मामले में मतांतरण के आरोपी छांगुर का बाराबंकी कनेक्शन सामने आया है। छांगुर 2023 में जमीन का अनुबंध कराने यहां आया था जिसमे एक स्थानीय व्यक्ति गवाह भी था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। एएसपी ने कहा कि जिले से जुड़ाव मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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    अनुबंध में बाराबंकी के भी एक व्यक्ति ने दी है गवाही

    निरंकार जायसवाल, बाराबंकी। हिंदू लड़कियों को लक्ष्य बनाकर मतांतरण कराने का राजफाश होने के बाद बलरामपुर के आरोपित जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के बाराबंकी जिले में भी नेटवर्क होने के संकेत मिले हैं। 

    पुणे में छांगुर की जो जमीन चर्चा में है, उसका अनुबंध तैयार कराने के लिए वह 2023 में बाराबंकी आया था। यहां महाराष्ट्र से आए प्रॉपर्टी डीलर के साथ अनुबंध तैयार हुआ था। हालांकि, पुणे में दूसरा अनुबंध तैयार हुआ, लेकिन उसमें भी बाराबंकी के एक युवक की गवाही थी। 

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    अब यह बड़ा सवाल है कि आखिर वह कौन है, जिसके पास छांगुर यहां अनुबंध तैयार कराने आया था। अनुबंध में बाराबंकी निवासी गवाह जिले से छांगुर के नेटवर्क पता करने का महत्वपूर्ण जरिया हो सकता है।

    मुस्लिम युवकों को लाखों रुपये देकर हिंदू युवतियों का मतांतरण कराने के मास्टरमाइंड आरोपित जलालुद्दीन उर्फ छांगुर ने यूपी सहित देश के कई प्रांतों में हजारों हिंदू युवतियों का मतांतरण कराया, जिससे पूरे जिले में फैले उसके नेटवर्क का जाल सामने आया है। 

    जिले में भी इसके संकेत पुणे स्थित छांगुर की करीब 16 करोड़ की संपत्ति के हुए अनुबंध को लेकर मिल रहे हैं। यह अनुबंध महाराष्ट्र के मो. अहमद नामक व्यक्ति से छांगुर ने किया है, जो मूल रूप से बलरामपुर के रहने वाले हैं। 

    बलरामपुर कोर्ट में ही उनकी मुलाकात छांगुर से हुई थी। मो. अहमद ने बताया कि वह प्रॉपर्टी का काम करते हैं। बातचीत बढ़ने पर छांगुर ने पुणे की प्रॉपर्टी लेने में दिलचस्पी दिखााई। यह जमीन किसानों से अहमद ने एग्रीमेंट कर रखी थी। 

    जमीन खरीदने की बात बढ़ने पर छांगुर ने जुलाई 2023 में अहमद को बाराबंकी बुलाया था। वह लखनऊ के अवध होटल में आकर रुके, जहां से बाराबंकी पहुंचने पर उन्हें छांगुर मिला। उसने पहले हिंदी में अनुबंध कराया, लेकिन बाद में उसने दूसरा अनुबंध अंग्रेजी में तैयार कराया, जिसमें उसके जानने वाले बाराबंकी के ही एक व्यक्ति ने गवाही भी दी है। 

    हालांकि, जालसाजी की साजिश के तहत छांगुर ने अहमद को अनुबंध की प्रति नहीं दी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर पुणे की प्रॉपर्टी का अनुबंध तैयार कराने छांगुर बाराबंकी क्यों आया? वह कौन है, जिसके पास वह अनुबंध के लिए आया। यह बिंदु छांगुर के बाराबंकी में नेटवर्क की पुष्टि करता है।

    प्रकरण में जांच कराई जाएगी। अगर छांगुर का जिले से किसी भी प्रकार से जुड़ाव का कोई तथ्य प्रकाश में आया तो उस पर उचित कार्रवाई करते हुए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

    -विकास चंद्र त्रिपाठी, अपर पुलिस अधीक्षक

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