Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी में अब मधुमक्खी पालन से होगी करोड़ों की कमाई! डेनमार्क की तकनीक से शहद बनेगा; ये है पूरा प्लान

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 05:04 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए डेनमार्क की तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए एक टीम डेनमार्क जा रही है जो अंतर्राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन सम्मेलन एपीमोंडिया में भाग लेगी। टीम वहां आधुनिक तकनीकों और अनुसंधान के बारे में जानकारी लेगी जिससे राज्य में शहद उत्पादन को बढ़ाया जा सके। बाराबंकी के मधुमक्खी पालक निमित्त कुमार सिंह भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे।

    Hero Image
    डेनमार्क की तकनीक से यूपी में होगा मधुमक्खी पालन।

    जागरण संवाददाता, बाराबंकी। डेनमार्क की मधुमक्खी पालन की तकनीक का प्रयोग अब यूपी में होगा। यहां होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय मधुमक्खी पालन सम्मेलन एपीमोंडिया में भारत की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की टीम प्रतिभाग करेगी।

    टीम रविवार को डेनमार्क के लिए रवाना हो जाएगी, जिसमें मंत्री, अपर मुख्य सचिव और पालक होंगे। यहां पांच दिनों तक रहकर पारंपरिक और आधुनिक तरीकों के मिश्रण को जानेंगे।

    डेनमार्क में होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय मधुमक्खी पालन सम्मेलन एपीमोंडिया-2025 का कार्यक्रम 23 से 27 सितंबर तक होगा, जिसमें भारत की तरफ से उत्तर प्रदेश प्रतिनिधित्व करेगा।

    अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत से जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उत्तर प्रदेश सरकार के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह करेंगे। अपर मुख्य सचिव बीएल मीना, बाराबंकी से मधुमक्खी पालक निमित्त सिंह और बागपत के प्रमुख शहद निर्यातक जयदेव सिंह शामिल रहेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी के प्रतिनिधि विश्व के विशेषज्ञों के साथ मधुमक्खी पालन की नई तकनीकों, अनुसंधान और प्रोसेसिंग की विधियों को सीखेंगे और साथ ही प्रदेश में हो रहे बेहतर कार्यों, संभावनाओं और प्रगति को साझा करेंगे।

    मधुमक्खी पालन में बेहतर है डेनमार्क

    मधुमक्खी पालक निमित्त सिंह ने बताया कि डेनमार्क एक ऐसा देश है, जो दुनिया में आधुनिक और परंपरागत तरीके से सबसे बेहतर मधुमक्खी पालन करता है। यहां परजीवियों को नियंत्रित करने के लिए हरित तरीकों का उपयोग किया जाता है।

    ड्रोन ब्रूड हटाना, फार्मिक एसिड, लैक्टिक एसिड और आक्सालिक एसिड का उपयोग शामिल है, ताकि शहद उत्पादों को शुद्ध रखा जा सके। यहां की तकनीक सीखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। उन्होंने बताया कि डेनमार्क की तकनीक से डेढ़ गुणा शहद का उत्पादन बढ़ जाएगा।

    बाराबंकी का बढ़ रहा प्रतिनिधित्व

    उत्तर प्रदेश का शहद व उद्यान क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मंच पर आने लगा है। बाराबंकी के मधुमक्खी पालक निमित्त कुमार सिंह डेनमार्क में होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय मधुमक्खी पालन सम्मेलन शामिल होंगे। निमित्त कुमार उत्तर प्रदेश हार्टिकल्चर एक्सपोर्ट बोर्ड के सदस्य भी हैं और वर्षों से प्रदेश के किसानों व उद्यमियों को मधुमक्खी पालन एवं शहद निर्यात से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।

    यह सम्मेलन प्रदेश के शहद उद्योग को नई पहचान दिलाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘ब्रांड यूपी हनी’ को मजबूत करने का अवसर साबित होगा।