UP: समाधान दिवस में जहर लेकर पहुंची महिला, डीएम के पैरों पर गिरी; वजह आपको सोचने पर कर देगी मजबूर
बाराबंकी में जल निकासी की समस्या से परेशान एक महिला डीएम के पैरों पर गिर गई और न्याय की गुहार लगाई। कार्रवाई न होने पर उसने कीटनाशक खाने की कोशिश की जिसे तहसील कर्मियों ने विफल कर दिया। मामला न्यायालय में लंबित होने के कारण निस्तारित नहीं हो सका। महिला का आरोप है कि वह दो साल से न्याय के लिए भटक रही है।
जागरण संवाददाता, बाराबंकी। जल निकासी की समस्या लेकर पहुंची एक महिला ने डीएम से गुहार लगाई। डीएम संपूर्ण समाधान दिवस से बाहर निकले तो महिला अचानक उनके पैरों पर गिर गई। डीएम ने उसे उठाया और न्याय का आश्वासन दिया।
डीएम के आदेश पर एसडीएम टीम संग निस्तारण के लिए रवाना हाेने लगे तो महिला ने कीटनाशक की पुड़िया निकाल ली, जिसे तहसील कर्मियों ने छीन लिया। टीम ने मौके पर जाकर जायजा लिया, लेकिन मामला न्यायालय में होने के कारण निस्तारित नहीं हो सका।
हैदरगढ़ कोतवाली के अलमापुर मजरे बेलहरी गांव निवासी सत्यभामा सिंह के अनुसार, करीब 40 साल पुरानी गांव की जल निकासी की नाली को 22 वर्ष पहले पूर्व प्रधान मालती देवी ने बनवाया था, जिस पर पड़ोसी मुकेश सिंह, दुर्गेश सिंह, शशि सिंह, मयंक सिंह आदि ने अतिक्रमण कर अपनी दीवार बना रखी है।
उसका आरोप है कि कोतवाली व तहसील कर्मियों की मिलीभगत से विपक्षी ने नाली पर कब्जा किया। एसडीएम राजेश विश्वकर्मा ने बताया कि सत्यभामा और उनकी विपक्षी रीशू सिंह ने एक-दूसरे के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था।
सत्यभामा ने जल निकाल प्रभावित करने का आरोप लगाया था, जबकि रीशू ने अपने घर के सामने पनारा बनाने का आरोप लगाया था। डीएम ने दोनों प्रार्थना पत्र देखकर मौके पर जाकर निस्तारण के निर्देश दिए थे। जनसुनवाई कर डीएम जब बाहर निकले तो सत्यभामा फिर डीएम के पास आ गई।
न्यायालय में लंबित है प्रकरण
एसडीएम हैदरगढ़ ने बताया कि यह विवाद करीब छह साल पुराना है। सत्यभामा से जल निकासी के विवाद के चलते विपक्षी पर मुकदमा भी लिखा गया था। दोनों पक्षों में समझौता हुआ तो रीशू के ससुर जगतपाल ने सत्यभामा के जल निकासी को न रोकने की बात कही थी, जिसके बाद से सत्यभामा के घर का पाइप यथावत है और जल निकासी भी हो रही है। अपने घर के सामने से निकले इस पाइप पर जगतपाल ने चबूतरा बना लिया।
सत्यभामा इसी को हटाने के लिए शिकायत कर रही है, जबकि विपक्षी ने सत्यभामा पर आरोप लगाया है कि उसने अपनी छत से पनारा जगतपाल के घर के सामने निकाल लिया है। एसडीएम ने बताया कि 2024 में जगतपाल इस मामले को लेकर हैदरगढ़ सिविल कोर्ट में चले गए थे, तब से प्रशासन का हस्तक्षेप बंद हो गया है। न्यायालय से मामले का निस्तारण होगा। पूरे प्रकरण में सत्यभामा को बहुत सही नहीं बताया गया।
जान देने के इरादे से आई थी महिला
महिला ने बताया कि नाली से अतिक्रमण हटवाने के लिए दो साल से कोतवाली, तहसील, ब्लाक सहित अधिकारियों के चक्कर लगा रही है, लेकिन न्याय नहीं मिल रहा है। सोमवार को वह सोच कर आई थी कि न्याय नहीं मिलेगा तो चूहा मार दवा खाकर जान दे देगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।