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    लखनऊ सीमा लांघते ही बंद हो जाती हैं लाइटें, यूपी में ये क्या हो रहा है? 

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 06:13 PM (IST)

    बाराबंकी में लखनऊ-अयोध्या राजमार्ग पर राजधानी की सीमा पर अंधेरा छाया हुआ है। लखनऊ सीमा से नवाबगंज तक स्ट्रीट लाइटें बंद हैं, जिससे दुर्घटनाओं और अपराध ...और पढ़ें

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    संवाद सूत्र, सफेदाबाद/अहमदपुर (बाराबंकी)। राजधानी के ड्योढ़ी पर अंधेरा छाया हुआ है। लखनऊ सीमा से लेकर नगर पालिका परिषद नवाबगंज के चौपुला तक स्ट्रीट लाइटें बंद रहती हैं। कुछ लाइटें खराब हो गई हैं। यही हाल चौपुला से लेकर रामसनेहीघाट तक है। दुर्घटना से लेकर चोरी और आपराधिक मामलों से लोग असुरक्षित हो चुके हैं। सूरज ढलते ही फैले अंधियारे से आने-जाने में सबसे अधिक महिलाओं को डर लग रहा है।

    लखनऊ सीमा इंदिरा नहर से सफेदाबाद तक पांच किलोमीटर के रास्ते पर करीब 18 महीने से अंधेरा छाया हुआ है। रोड लाइटें लगाई गई थीं, लेकिन अब यह बंद हैं। हाईवे पर कई शैक्षिक संस्थान, हाउसिंग सिटी, अस्पताल और तमाम प्रतिष्ठान हैं, जिनमें कार्य करने वाली महिला कर्मचारी रात को अंधेरे में आती-जाती हैं।

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    अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। सफेदाबाद ब्लाक स्पाट की श्रेणी में है। महिला कर्मचारी, रेखा गुप्ता, राजकुमारी, सुषमा ने बताया कि वह लखनऊ आती-जाती रहती हैं। सफेदाबाद में उतरती हैं। यहां अंधेरा छाया रहता है। कई बार बड़े हादसे भी हुए हैं, जिनमें लोगों की मौतें हुईं। ब्लाक स्पाट भी चिह्नित हैं, लेकिन लाइटें नहीं जल रही हैं।

    अयोध्या हाईवे पर लगभग एक वर्ष पहले लगाई गई स्ट्रीट लाइटें मात्र शोपीस बनी हुई हैं। करोड़ों की लागत से लगी स्ट्रीट लाइटें आज तक नहीं जल सकीं। घना कोहरा पड़ने की वजह से हाईवे पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है, लेकिन कार्यदायी संस्था की मनमानी व एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अफसर भी इस ओर से अपनी आंख बंद किए हैं।

    लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर करीब 17 हजार वाहन प्रतिदिन निकलते हैं। दिन में ज्यादातर छोटे और रात में भारी वाहनों का आवागमन होता है। हाईवे पर करीब एक वर्ष पहले फ्लाईओवर व आबादी वाले क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटों को लगाने का कार्य शुरू किया गया, ताकि भीड़भाड़ वाली जगहों तथा स्थानीय लोगों को आवागमन में आसानी हो सके। हाईवे पर स्थित कोटवा सड़क, उधौली, बघौरा, पल्हरी, सफदरगंज, दादरा, लछबर बजहा, चौपुला सहित फ्लाईओवर व दुर्घटना संभावित आबादी वाली क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थीं, जो आज तक नहीं जल पा रही हैं, खराब पड़ी हैं।

    विद्युत विभाग से कनेक्शन व उपकरण सत्यापन करने के लिए कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन न जवाब आया न कोई कर्मचारी। दिलोना, पल्हरी सहित कई जगहों पर लाइटें जलवाई जा रही हैं। -अमर चौधरी, प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर, हाईवे।