सीएम योगी के आदेश पर बाराबंकी के 95 महाविद्यालयों की मान्यता व प्रवेश प्रक्रिया की होगी जांच
सीएम योगी के आदेश पर बाराबंकी जिले के 95 कॉलेजों की जांच होगी। यह जांच श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में मान्यता विवाद के बाद शुरू की गई है। जांच टीम में प्रशासनिक पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। टीम कॉलेजों में चल रहे कोर्सों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की जांच करेगी। बिना मान्यता के कोर्स पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, बाराबंकी। श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में मान्यता को लेकर हुए विवाद के बाद प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की जांच के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं।
इसके दायरे में जिले में संचालित 95 महाविद्यालय आएंगे। यहां कुल 95 महाविद्यालय संचालित हैं, जिसमें दो अनुदानित हैं। वहीं, दो राजकीय महाविद्यालयों का भी संचालन होता है, जिसमें हसौर महाविद्यालय व संत बैजनाथ महाविद्यालय हरख शामिल हैं।
जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पीजी कालेज (जनेस्मा) व रामनगर पीजी कालेज अनुदानित हैं। इसके अतिरिक्त शेष स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों की श्रेणी में आते हैं।
अलग-अलग विभाग के तीन अधिकारी होंगे टीम में शामिल
जांच टीम में अलग-अलग विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। जांच टीम में एक प्रशासनिक अधिकारी होगा, इसके अलावा एक पुलिस व एक शिक्षा विभाग का अधिकारी शामिल होगा। टीम जांच के दौरान सभी संस्थानों से शपथ पत्र लेगी, जिसमें मान्यता प्राप्त कोर्स करने का प्रमाणपत्र होगा।
महाविद्यालयों में जो भी कोर्स की सूची होगी, सभी की मान्यता पत्र की जांच के बाद एक कापी प्राप्त की जाएगी। बिना मान्यता कोर्स व फर्जी प्रवेश मिलने पर संस्थान पर कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा विद्यार्थियों से लिए गए शुल्क की ब्याज सहित वापसी भी संस्थान संचालकों की होगी। प्रवेश प्रक्रिया की सघन जांच की जाएगी। अधिकारियों को 15 दिन के भीतर रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी।
प्राचार्य बोले, सही कदम
जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पीजी कालेज के प्राचार्य प्रो. सीताराम सिंह का कहना है कि यह सरकार का अच्छा कदम है। इससे निश्चित तौर पर महाविद्यालय के संचालन में पारदर्शित आएगी। विद्यार्थी का अहित नहीं होगा।
मुंशी रघुनंदन प्रसाद सरदार पटेल महाविद्यालय की प्राचार्य ऊषा चौधरी का कहना है कि जांच पड़ताल से विद्यार्थी को यह पता चल जाएगा कि महाविद्यालय में जिस विषय की पढ़ाई कर रहा है, उस विषय की विश्वविद्यालय से मान्यता है या नहीं।
सरकार ने जो प्रवेश प्रक्रिया व मान्यता संबंधी जांच कराने का निर्णय लिया है। वह सराहनीय है, क्योंकि इससे विद्यार्थी महाविद्यालय में जब प्रवेश लेने जाएगा तो भ्रमित नहीं होगा। जांच प्रक्रिया के बाद सबकुछ पारदर्शी हो जाएगा।
राना इंद्रजीत सिंह, नोडल अधिकारी, जिला उच्चशिक्षा
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