बाराबंकी में नरसंहार में दोषी बेटे सहित छह को आजीवन कारावास, 11 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा
परिवार के चार लोगों के हत्या हाथ-पांव बांधकर आरी से काटकर निर्मम हत्या करने वाले सगे बेटे सहित छह को कोर्ट ने दोषी पाते हुए सजा सुना दी है। बेटे ने अप ...और पढ़ें
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संवाद सूत्र, बाराबंकी। परिवार के चार लोगों के हत्या हाथ-पांव बांधकर आरी से काटकर निर्मम हत्या करने वाले सगे बेटे सहित छह को कोर्ट ने दोषी पाते हुए सजा सुना दी है। बेटे ने अपनी पत्नी और साथियों के साथ अपने पिता, सौतेली मां और बहनों की हत्या कर दी थी। कोर्ट में गवाह और साक्ष्य के आधार पर जज ने छह को दोषियों को आजीवन कारावास और 75-75 हजार रुपये के आर्थिक दंड से दंडित किया है।
फरवरी 2014 में दरियाबाद के मथुरानगर गांव में शिवबरन शर्मा, उनकी पत्नी रानी, बेटी गुड्डी, बेटा निर्मल के शव मिले थे। शिवबरन अपनी ससुराल में पत्नी बालवती उर्फ रानी, बेटी गुड्डी और बेटे निर्मल के साथ रह रहा था। बालवती शिवबरन की तीसरी पत्नी थी। शिवबरन की पहली पत्नी दुलारा से बेटा चंद्रशेखर है। दुलारा की मौत के बाद शिवबरन ने कल्लो से शादी की, जिससे बेटी गुड़िया थी। कल्लो के जाने के बाद उसने बालवती से शादी की थी। पारिवारिक बंटवारे को लेकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई थी, जिसमें मुख्य आरोपित चंद्रशेखर था।
सेशन कोर्ट में दरियाबाद के ग्राम मथुरानगर में हुई सनसनीखेज घटना, जिसमें एक ही परिवार के चार लोगों की निर्मम हत्या हुई थी। इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह ने छह लोग चंद्रशेखर, उनकी पत्नी जानकी देवी उर्फ जनकलली, राजू वर्मा, अर्जुन सिंह, दिनेश गौतम और जितेंद्र की घटना में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। परिवार वाले अपने तामम लोगों के साथ न्यायालय के बहार अपस्थित रहे। कोर्ट के निर्णय आते ही परिवारजन फूटकर रोने लगे।

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