UP Chakbandi: यूपी के इस जिले में 10 वर्षों से रुकी चकबंदी, 11 राजस्व गांव में ग्रामीणों का विरोध
बाराबंकी जिले में 41 गांवों में चकबंदी का कार्य चल रहा है लेकिन 11 गांव ऐसे हैं जहाँ पिछले 10 सालों से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। अधिकारी और ग्रामीणों के बीच तालमेल की कमी इसका मुख्य कारण है जिसके चलते चकबंदी का कार्य रुका हुआ है। ग्रामीण चकबंदी का विरोध कर रहे हैं जिसके कारण प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है।
संवाद सूत्र, बाराबंकी। जिले में 41 गांवों की चकबंदी चल रही है, जबकि आठ में कार्य पूर्ण हो गया है। वहीं, 11 गांव ऐसे हैं, जहां 10 वर्षों से चकबंदी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। अधिकारी और ग्रामीणों के बीच समन्वय की कमी से चकबंदी होती नहीं दिख रही है।
सिरौलीगौसपुर के जदवापुर, चकदेहपुर, हैदरगढ़ के दहिला, दौलतपुर, जासेपुर, पैकौली, फतेहपुर के मौलाबाद, दरावां, रंडवारा, रामनगर के बैरानामऊ, नवाबगंज का तिंदोला गांव ऐसे हैं, जहां के ग्रामीण चकबंदी का विरोध कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि उनके यहां चकबंदी न की जाए, इसलिए वर्ष 2015 से लेकर अब तक चकबंदी रुकी हुई है। हालांकि यहां चकबंदी अधिकारियों ने प्रभावी कदम नहीं उठाया है, ताकि लोगों को चकबंदी के प्रति जागरूक किया जा सके। इसके अतिरिक्त हैदरगढ़ के पतौली, शरीफाबाद और रामनगर के भिटौली में तरमीम का कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है। वहीं, रामनगर के मुकौली, सिरौलीगौसपुर के दुर्जनपुर, परसा, मेलारायगंज की पड़ताल अधूरी हैं। इसको लेकर अभी हाल में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बैठक कर चकबंदी के कार्यों की समीक्षा की थी, निर्देश दिए थे कि जहां भी गतिरोध है, वहां पर अधिकारी लोगों के साथ समन्वय स्थापित कर अधूरे कार्य को पूर्ण करें, लेकिन अभी तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
चकबंदी के यह हैं फायदे
चकबंदी के आधार पर ही ग्राम पंचायतों का विकास संभव होता है। चकबंदी के बाद गांव में नाली, चकमार्ग, खेल मैदान, आबादी, घूर-गड्ढा, खलिहान, पंचायत घर, सामुदायिक केंद्र, बरात घर, होलिका दहन आदि छोड़ा जाता है। जब जमीन सुरक्षित होगी, तभी ही ग्राम पंचायतों में विकास कराया जा सकता है।
प्रस्ताव पर होती है चकबंदी
बंदोबस्त अधिकारी ने बताया कि जिले 41 गांवों में चकबंदी चल रही है। सतरिख, इब्राहिमाबाद में चकबंदी पूरी कर ली गई है। मानपुर में लोग चकबंदी नहीं चाहते हैं। तिंदोला गांव के लोग कोर्ट चले गए है। निंदूरा के बहरौली में चकबंदी को लेकर विरोध चल रहा है। 39 राजस्व गांवों में चकबंदी चल रही है। चकबंदी हर 20 वर्ष पर होती है। चकबंदी तभी होती है, जब ग्रामीण जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्रस्ताव भेजते हैं। प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिलने के बाद चकबंदी होती है।
फैक्ट फाइल
विवरण | संख्या |
---|---|
ग्राम पंचायतें | 1155 |
राजस्व ग्राम | 1845 |
चकबंदी का अंतराल | 20 वर्ष |
चकबंदी वाले गांवों का प्रतिशत | 40 प्रतिशत |
प्रथम चरण में हुई चकबंदी | 1667 ग्राम |
प्रथम चरण में निरस्त हुई चकबंदी | 15 ग्राम |
दूसरे चरण में हुई चकबंदी | 873 ग्राम |
दूसरे चरण में निरस्त हुई चकबंदी | 97 ग्राम |
शेष चकबंदी वाले गांव | 41 ग्राम |
जिले के 11 गांव ऐसे हैं, जहां पर 2015 से अब तक चकबंदी नहीं हो पाई है। ग्रामीण विरोध कर रहे हैं, जिसके कारण प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। लोगों को समझाने के कई बार प्रयास किए गए, लेकिन लोग मान नहीं रहे हैं। रिपोर्ट राजस्व विभाग को भेज दी है।- संजय कुमार विश्वास, बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी, बाराबंकी।
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