Updated: Sat, 06 Sep 2025 11:22 PM (IST)
बाराबंकी से खबर है कि अमेरिका में पहली बार भारतीय महिलाओं ने अवसान माई (दुर्दुरैया) की पूजा की। रामसनेही घाट के दिनेश पांडेय की पत्नी सुषमा पांडेय ने इस पूजा का आयोजन किया जिसमें कई राज्यों से आई महिलाओं ने भाग लिया। महिलाओं ने सुहाग की रक्षा के लिए माता की आराधना की और अमेरिका-भारत में शांति के लिए प्रार्थना की।
श्रीकांत तिवारी, रामसनेही घाट (बाराबंकी)। विदेश में भी सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की छाप महिलाएं छोड़ रही हैं। वह चाहे स्वतंत्रता दिवस की रैली हो, गणेश भगवान की पूजा या फिर होली, दीपावली जैसे त्योहार। पहली बार अमेरिका में अवसान माई की पूजा भारतीय मूल की सुहागिनों ने की। इससे पहले परंपरा तरीके से व्रत रखा और अवसान माई (दुर्दुरैया) की पूजा की।
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रामसनेही घाट के दिनेश पांडेय अपने पत्नी और परिवार के साथ अमेरिका में रहते हैं। गुरुवार को उनकी पत्नी सुषमा पांडेय ने अपने घर पर दुर्दुरैया पूजा की तैयारी की। पूजा में शामिल होने के लिए उन्होंने आसपास की हिन्दू महिलाओं को एकत्र किया, जिसमें दिल्ली की नीलम और ममता, गुजरात से हिक्षु, अंजना, प्रियंका, श्रुति, बिहार से मीनू, लखनऊ से अरुणा द्विवेदी, पंजाब से जसलीन, विम्मी और मुंबई से रोशनी और सिमरन पांडेय थीं।
सुषमा पांडेय ने फोन पर बताया कि पूजा के लिए जरूरत का सामान लाने और महिलाओं को इकट्ठा करने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा। पूजा तो सभी महिलाएं करना चाहती थी, लेकिन कोई अगुवाई करने वाला नहीं था।
नेतृत्व मिलने के बाद महिलाओं ने पूजा सामग्री एकत्र की। लैया, चना, गुड़, चूड़ी, बिंदी आदि ली गई। परंपरा के अनुसार महिलाओं ने पूजा की। पहली बार अमेरिका में यह पूजा संपन्न कराई गई।
सुषमा पांडेय ने बताया कि अमेरिका और भारत के बढ़ रहे तनाव को लेकर शांति पाठ भी किया गया है। अवसान माई की पूजा : अवसान माई की पूजा को दुर्दुरैया के नाम से जाना जाता है।
इस पूजा में महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए माता की पूजा करती हैं। इसमें लैया, चना, मीठा, गुड़ की ढेरी लगाई जाती है। पूजा के पश्चात ढेरी महिलाएं अपने घर ले जाकर प्रसाद रूप में वितरित करती हैं।
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