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    क्‍या आपको पता है? अब एक होगा आधार और राशन कार्ड का डाटा, अपात्रों की भी होगी छंटनी

    Updated: Sat, 07 Sep 2024 08:56 PM (IST)

    Ration Card eKYC ई-केवाईसी के माध्यम से अब आधार और राशन कार्ड का डेटा एक हो जाएगा। इससे राशन कार्ड पर आधार की सही जानकारी होगी और मृतक और अपात्रों की छंटनी में मदद मिलेगी। बाराबंकी जिले में लगभग 53 प्रतिशत उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी हो चुकी है। 26 लाख 29 हजार 155 यूनिट में से करीब 53 प्रतिशत उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी हो चुकी है।

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    Ration Card eKYC: राशन कार्ड पर आधार की ही सही जानकारी होगी

    संवाद सूत्र, जागरण बाराबंकी । Ration Card eKYC: अभी तक राशन कार्ड और आधार कार्ड का डाटा अलग-अलग है। अब ई-केवाईसी होने के बाद दोनों का विवरण एक हो जाएगा। यानी केवाईसी होते ही राशन कार्ड पर आधार की ही सही जानकारी होगी।

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    राशन कार्ड नंबर डालते ही लाभार्थी से संबंधित तमाम जानकारियां शासन-प्रशासन को मिल जाएंगी। मृतक और अपात्रों की छंटनी के लिए राशन की दुकानों पर उपभोक्ताओं का ई-केवाईसी चल रहा है। जिले में लगभग 26 लाख 29 हजार 155 यूनिट में से करीब 53 प्रतिशत उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी हो चुकी है।

    इसमें 88 हजार राशन कार्ड ऐसे हैं, जिनकी ई-केवाईसी शत प्रतिशत हो गई है। ई-केवाईसी के बाद जिला पूर्ति अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर होते ही आधार कार्ड और राशन कार्ड का डाटा एक हो जाएगा।

    भी सिर्फ 88 हजार कार्डों पर यह व्यवस्था लागू

    डीएसओ डा. राकेश कुमार ने बताया कि अब आधार कार्ड की फोटो, हिंदी, अंग्रेजी नाम, जन्म तिथि, जेंडर और बैंक डिटेल राशन कार्ड से लिंक हो गया है। अब राशन कार्ड नंबर डालते ही आधार कार्ड से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारियां अधिकारियों के पास आ जाएंगी।

    इससे अपात्र व्यक्ति आसानी से चिह्नित हो जाएगा। आगे से अपात्र व्यक्ति राशन कार्ड में अपना नाम भी नहीं डलवा पाएंगे। फिलहाल अभी सिर्फ 88 हजार कार्डों पर यह व्यवस्था लागू हुई है, अन्य कार्डों पर ई-केवाईसी चल रही है।

    बाहर रहने वाले लोगों के नाम में आएगी दिक्कतें

    जिले में हजारों की संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनका राशन कार्ड बाराबंकी में बना है, जबकि आधार कार्ड जिले के बाहर बना है। अन्य प्रदेशों में भाषा की दिक्कतें आएंगी, क्योंकि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पंजाब, हरियाणा जैसे प्रांतों में रहने वाले आधार कार्ड पर हिंदी की जगह पर प्रांत की प्रचलित भाषा में नाम हैं। ऐसे में जब डाटा आधार कार्ड से लिया जाएगा तो उपभोक्ताओं के हिंदी नाम पर दिक्कतें आएंगी।

    इस तरह के लोग लगभग आठ प्रतिशत हैं। यह डाटा रिजेक्ट भी हो सकता है। हालांकि यह स्थिति शत प्रतिशत कार्डों की ई-केवाईसी के बाद आएगी।

    पांच हजार से अधिक अपात्र हटाए गए

    जिले में आधार कार्ड के माध्यम से आयकर दाता, बड़े काश्तकार, फर्जी निराश्रित महिला, कार, बंदूक, पक्का घर, ट्रैक्टर-ट्राली और हर सुख-सुविधाएं लेने वाले अपात्रों को चिह्नित किया गया था। लगभग ऐसे हजार पात्र लोगों को राशन कार्ड की सूची से हटा दिया गया है।

    वहीं, उपजिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी और नगर निकाय के अधिशाषी अधिकारी और पूर्ति विभाग के अधिकारियों की ओर से जांच अभी चल रही है। इनकी संख्या और बढ़ेगी।

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