Barabanki News: बाराबंकी में ड्यूटी का समय खत्म होने पर लोको पायलट ने खड़ी कर दी ट्रेन, बिहार से जा रही थी दिल्ली
यूपी के बाराबंकी में बिहार से दिल्ली जा रही छठ पूजा एक्सप्रेस को लोको पायलट अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद बुढ़वल स्टेशन पर खड़ा कर दिया। दूसरे लोको पायलट के आने तक करीब साढ़े तीन घंटे तक ट्रेन खड़ी रही। इससे यात्री काफी परेशान हो गए। गुस्साये यात्री बरौनी-लखनऊ एक्सप्रेस के सामने खड़े हुए तो इसके भी लोको पायलट के ड्यूटी का समय हो पूरा हो गया।
संवादसूत्र, रामनगर (बाराबंकी)। ड्यूटी का समय पूरा होने पर लोको पायलट ने बिना स्टोपेज के बुढ़वल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर ट्रेन खड़ी कर संचालन से इन्कार कर दिया। काफी देर तक ट्रेन रवाना नहीं हुई तो यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया। आक्रोशित यात्री दूसरे प्लेटफार्म पर आ रही बरौनी-लखनऊ एक्सप्रेस के सामने खड़े हो गए। इसके चलते बरौनी-लखनऊ एक्सप्रेस के लोको पायलट की ड्यटी का समय भी पूरा हो गया। अधिकारियों ने दोनों ही ट्रेनों के दूसरे लोको पायलट बुलाकर ट्रेनों को रवाना कराया। इस दौरान करीब साढ़े तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा।
छठ पूजा एक्सप्रेस (04021) बिहार के सहरसा जिले से यात्रियों को लेकर नई दिल्ली जा रही थी। दोपहर सवा एक बजे ट्रेन को लेकर लोको पायलट पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ-गोंडा रेलखंड स्थित बुढ़वल रेलवे स्टेशन पहुंचा। यहां पर ट्रेन खड़ी कर उसने ड्यूटी का समय पूरा होने का हवाला देकर संचालन से इन्कार कर दिया। प्लेटफार्म पर काफी देर तक खड़ी ट्रेन को सिग्नल नहीं मिला।
ज्यादा समय बीतने के बाद भी ट्रेन के रवाना न होने पर यात्रियों का सब्र का बांध तब टूट गया, जब पता चला कि लोको पायलट का ड्यूटी का समय पूरा हो गया और उसने ट्रेन ले जाने से मना कर दिया है। इस पर यात्रियों ने हंगामा शुरू किया। यात्री ट्रेन से उतरकर प्लेटफार्म से लेकर रेलवे लाइन तक जमा हो गए। यहां पर बरौनी-लखनऊ एक्सप्रेस (15203) को आता देख यात्री लाइन पर एकत्र हो गए।
हालांकि, ट्रेन को प्लेटफार्म से पहले ही कुछ दूरी पर रोक दिया गया। इस ट्रेन का ठहराव स्टेशन पर था। करीब सवा घंटे बरौनी-लखनऊ ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रही, जिससे इस ट्रेन के भी लोको पायलट की ड्यटी का समय पूरा हो गया। इसके लिए भी दूसरा लोको पायलट बुलाया गया। वहीं, साढ़े तीन घंटे बाद करीब पौने पांच बजे छठ पूजा एक्सप्रेस के लिए गोंडा से दूसरा लोक पायलट पहुंचा। तब जाकर यात्रियों को लेकर ट्रेन गंतव्य को रवाना हो सकी।
ट्रेन रवाना होने के बाद रेल प्रशासन ने राहत महसूस की। स्टेशन अधीक्षक मनोरंजन कुमार ने बताया कि लोको पायलट की ड्यूटी पूरी हो गई थी। उन्होंने ट्रेन रोकने के बाद संचालन से इन्कार कर दिया था। लोको पायलट और गार्ड ट्रेन में ही थे। दूसरा लोको पायलट ट्रेन को लेकर रवाना हुआ। वहीं, बरौनी-लखनऊ एक्सप्रेस के लोको पायलट को भी ड्यटी का समय पूरा होने पर बदला गया।
खाने-पानी को तरसे यात्री
साढ़े तीन घंटे तक बुढ़वल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के खड़े होने से यात्री भूख प्यास से परेशान हो गए। यात्री रामकिशुन व सूरज ने बताया कि यहां पर पानी तक नसीब नहीं है। प्यास लगी है। आरपीएफ इंस्पेक्टर अजमेर सिंह यादव, चौकी प्रभारी देवेंद्र आदि यात्रियों को समझाते रहे।
कई ट्रेनें हुई प्रभावित
यात्रियों के हंगामे के कारण बरौनी-लखनऊ एक्सप्रेस, मालगाड़ी समेत कई ट्रेनों को रोका गया।
यह है नियम
स्टेशन अधीक्षक दरियाबाद वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि ट्रेन में लोको पायलट और सहायक दो लोग होते हैं। लोको पायलट से 12 घंटे से ज्यादा ड्यूटी नहीं ली जा सकती है, लेकिन यात्री ट्रेन को किसी छोटे स्टेशन पर खड़ी नहीं कर सकते हैं। यदि लोको पायलट का ड्यूटी का समय पूरा होता है तो रेलवे कंट्रोल दूसरे लोको पायलट को अगले स्टेशन पर ट्रेन संचालन के लिए उपलब्ध कराता है। ट्रेन के पहुंचते ही दूसरा लोको पायलट उसे लेकर गंतव्य को रवाना होता है। आधे घंटे से अधिक ट्रेन के खड़े होने पर रेलवे बोर्ड जवाब-तलब करता है।
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