तीन वर्ष में मिले 217 एड्स रोगी, 25 कैदी भी चपेट में
पहले की अपेक्षाकृत कम हुए जिले में एड्स रोगी चल रहा है डॉ. राममनोहर लोहिया लखनऊ से इलाज
वी. राजा, बाराबंकी : इसे जागरूकता कहें या फिर लोगों में पहले की अपेक्षाकृत आई सजगता। जिले में पहले की अपेक्षाकृत एड्स रोगियों की संख्या में कमी आई है। बीते तीन वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो 217 एड्स रोगी जिले में मिले हैं। इनका इलाज डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल से चल रहा है। हालांकि, इलाज शुरू होने के बाद भी इस जानलेवा मर्ज के पीड़ित भी सामान्य जिदगी गुजार रहे हैं। वर्ष 2010 से अब तक कुल 410 के करीब एड्स रोगी जिले में मिल चुके है। एड्स रोगियों के लिए जिले में चार आइसीटीसी सेंटर हैं। इनमें से एक सेंटर जिला अस्पताल में हैं। दूसरा फतेहपुर सीएचसी, तीसरा रामसनेहीघाट सीएचसी व चौथा हैदरगढ़ सीएचसी पर है। इसके अतिरिक्त एक पीपीटीसीटी सेंटर जिला महिला अस्पताल में संचालित है। इसमें जो एड्स रोगी इलाज कराने आते हैं उसकी काउंसिलिग होती है। फिर टेस्टिग होती है। कोरोना संक्रमण के चलते काउंसिलिग का ग्राफ गिरा है। यहां से एचआइवी पॉजिटिव आने पर उनको एआरटी (एंटी रेक्टो वायरल थेरेपी) की दवा शुरू करने के लिए डॉ. राममनोहर लोहिया भेजा जाता है। इसके बाद पूर्ण जांच होती है। इसके बाद एआरटी (एंटी रेक्टो वायरल थेरेपी) की दवा की शुरुआत होती है। वर्ष 2017 से जिले में कुल 217 केस एड्स के हैं। इनकी दवा लखनऊ के डॉ. राममनोहर लोहिया से चल रही है। 25 कैदी भी हैं एड्स रोगी : वर्ष 2017 में जब जेल में कैंप लगा था। वहां पर जांच के दौरान 25 कैदी भी एड्स रोग से ग्रसित पाए गए थे। उनका भी इलाज बराबर डॉ. राममनोहर लोहिया में चल रहा है। कैसे फैलता है रोग -असुरक्षित यौन संबंध बनाने से एड्स फैलता है। -इस्तेमाल की गई ब्लड सीरिज से -ड्रग जो लोग लेते हैं वह एक ही सीरिज से लेते हैं। इससे भी एड्स फैलता है।
फैक्ट फाइल वर्ष- काउसिलिग- टेस्टिग- पाजिटिव
2017- 43544- 43360 - 47 2018 - 49013 - 49001--55 2019 - 51390-51374 - 98 2020- 21986 - 21982 -17 इनसेट: वर्ष 2017 से अब तक जिले में 171 एड्स रोगी मिले हैं। इनका इलाज लखनऊ में डॉ. राममनोहर लोहिया से चल रहा है। डॉ. एके वर्मा, जिला क्षय रोग अधिकारी, बाराबंकी।
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