भोले पर चढ़ा जल, भक्तों ने कहा बम-बम
जागरण संवाददाता बांदा महाशिवरात्रि पर पूरे जिले में आस्था व भक्ति की धूम रही। श्रद्धालु सुबह

जागरण संवाददाता, बांदा : महाशिवरात्रि पर पूरे जिले में आस्था व भक्ति की धूम रही। श्रद्धालु सुबह से ही मंदिरों में पहुंचे। अभिषेक व पूजा-अर्चना के साथ हर-हर महादेव के जयकारे लगाए। सुबह से लेकर शाम तक पूजा का कार्यक्रम चलता रहा।
शहर के वामदेवेश्वर मंदिर में सुबह चार बजे से ही भक्तों की कतारें लगी रही। श्रद्धालुओं ने जल, दूध आदि से अभिषेक कर बिल्व पत्र, फलफूल अर्पित करके भगवान भोलेनाथ की पूजा की। मंदिर के बाहर से ही लंबी कतारें लगी रही। हर-हर महादेव के जयकारों के साथ भक्त गुफा के अंदर विराजमान भगवान शिव का दर्शन व पूजन कर माथा टेका। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को हलुवा, सब्जी-पूरी, बूंदी आदि का प्रसाद वितरित किया गया। भजन-कीर्तन के कार्यक्रम चलते रहे। जगह-जगह प्रसाद व पूजन सामग्री की दुकानें सजी रही। वहीं श्रीसंकटमोचन मंदिर, महेश्वरी देवी, कालीदेवी सहित सभी मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। लोगों ने भक्ति व श्रद्धा के साथ महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया। देर शाम मंगल आरती की गई। संवाद सूत्र कालिजर के अनुसार अजेय दुर्ग कालिजर में शिवरात्रि पर भगवान नीलकंठ के दर्शनों को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। कालिजर दुर्ग में विराजमान भगवान नीलकंठ, माता पार्वती अपने बडे़ पुत्र भगवान कार्तिकेय सहित विराजमान हैं। दोपहर दो बजे से भगवान नीलकंठ का व माता पार्वती का श्रंगार किया गया। मंदिर के पुजारी ठाकुर गोपाल सिंह कहते हैं कि इसके बाद रात में भगवान नीलकंठ-माता पार्वती का वैवाहिक कार्यक्रम पूर्ण होगा। कस्बे व बाहर से आए श्रद्धालु दुर्ग के ऊपर पूरी रात रुककर इस कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे। पुरोहित शंकर प्रताप मिश्रा ने बताया कि सुबह चार बजे से पैयपुजी का कार्यक्रम होगा। दुर्ग के बीच में विराजमान भगवान बनखंडेश्वर में अखंड रामचरितमानस का पाठ कस्बा वासियों ने किया। शुक्रवार सुबह प्रसाद का वितरण किया जाएगा। दुर्ग के ऊपर पेयजल की भारी किल्लत रही। संवाद सहयोगी पैलानी के अनुसार खप्टिहाकला स्थित कालेश्वरनाथ में शिवभक्तों ने अभिषेक व पूजन किया। संवाद सूत्र कमासिन के अनुसार क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जमरेहीनाथ में भगवान भोलेनाथ विराजमान है। यहां प्रत्येक सोमवार को दूर-दूर से श्रद्धालु जल चढ़ाने आते हैं लेकिन बसंत पंचमी के बाद महाशिवरात्रि में सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु गंगाजल, बेलपत्र चढ़ाकर शिवलिग का दुग्ध अभिषेक करके मन्नत मांगते हैं।
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