Banda News: नींबू की ऐसी किस्म जो किसानों को कर देगी मालामाल, बुंदेलखंड की जलवायु भी इसके अनुकूल
बुंदेलखंड में गंधराज नींबू की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। पश्चिम बंगाल की इस प्रजाति को पचनेही गांव के फीनिक्स उद्यान में लगाया गया है। यह नींबू कई बीमारियों से लड़ने में मददगार है और बुंदेलखंड की जलवायु इसके लिए अनुकूल है। एक बीघे में इसकी खेती से किसान 25 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह कमा सकते हैं।

महेश द्विवेदी, पैलानी (बांदा), जागरण। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए अब बुंदेलखड में तरह- तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयोगों में है गंधराज नींबू । जिले के पचनेही गांव में बने फीनिक्स उद्यान में पश्चिम बंगाल की नींबू की प्रजाति गंधराज की आवक हुई है। इस नींबू के सेवन से कैंसर जैसी बीमारियों को मात देने की तैयारी है। इस पौधे से विभिन्न प्रकार की बीमारियां दूर की जा सकती है।
गंधराज नीबू की खेती बुंदेलखंड के किसानों के लिए मुनाफे की खेती साबित हो सकती है। एक बीघे में प्रतिमाह करीब 25 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह मुनाफा कमाया जा सकता है। यह हर वर्ष तीन बार फल देता है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ट्रेनी) भोपाल व पचनेही गांव निवासी राजाबाबू सिंह की पहल पर करीब आधा सैकड़ा से अधिक विभिन्न प्रकार की औषधियां उनके फीनिक्स उद्यान में तैयार हो रही हैं।
जिले के पचनेही गांव स्थित 25 बीघे रकबे में फैले फीनिक्स उद्यान में फल व छायादार पौधों के अलावा आयुर्वेद की विभिन्न प्रजातियों वाले पौधे लगे हुए हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ट्रेनी) भोपाल, एमपी व पचनेही गांव निवासी राजाबाबू सिंह की पहल पर पश्चिम बंगाल में पाए जाने वाले गंधराज नीबू की प्रजाति के 55 पौधों को यहां पर उनके छोटे भाई ललक सिंह समेत महेंद्र सिंह छतरपुर, सिद्धार्थ सिंह, सत्यनारायण, चंद्रपाल सिंह आदि ने रोपित किए।
दरअसल नींबू की कई किस्में होती हैं लेकिन गंधराज नींबू का कोई जवाब नहीं। गंधराज पेड़ के आसपास से गुजरते ही उसकी खुशबू आपकी नाक से होकर सीधे आत्मा के दरवाजे पर दस्तक देती है। लोग अगले कई दिनों तक उसकी खुश्बू की यादों में खोया रह सकता है। यह गुणकारी भी बहुत है। इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
गंधराज नींबू पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। पेट की समस्याओं जैसे खट्टी डकार, मितली व पेट दर्द में राहत पहुंचाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, इसमें विटामिन सी व अन्य पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। गंधराज नींबू का रस और छिलका त्वचा के लिए फायदेमंद होता है, यह मुंहासों को कम करने और त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करता है।
गंधराज नींबू का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है, जैसे सलाद, सूप व करी आदि प्रमुख हैं। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि गंधराज नींबू में कैंसर रोधी गुण होते हैं, लेकिन इस पर और शोध की आवश्यकता है। नींबू का रस पेट के कीड़ों को मारने में मदद करता है।
बुंदेलखंड की जलवायु के लिए अनुकूल है गंधराज नींबू
गंधराज नीबू के लिए बुंदेलखंड की जलवायु उपोष्णकटिबंधीय है, जो कि इस फल के लिए उपयुक्त है। यहां की जलवायु में गर्मी और सर्दी दोनों का अनुभव होता है, जो नींबू के पौधों के लिए आवश्यक है। गंधराज नींबू की खेती किसानों के लिए लाभ की खेती साबित हो सकती है। पौधे तैयार होने के बाद एक बीघे में लगभग प्रतिमाह 25 से 30 हजार रुपये तक का लाभ कमाया जा सकता है। एक बीघे में 100-150 पौधे लगाए जा सकते हैं और एक पेड़ 600-1200 फल दे सकता है। यह एक वर्ष में तीन बार फल देता है।
फीनिक्स उद्यान में लगे है विभिन्न प्रजातियों के पौधे
फीनिक्स उद्यान में फलदार पौधे, आम, अमरूद, ड्रैगन फूट्स, जामुन, केला, आंवला, चीकू, अनार, पपीता, बेल आदि फलदार पौधे के अलावा मोहगनी, उमर, सीजई, अमलताश, पीपल, बरगद, दहिमन, बीजा, गूलर, मोरिंगा, कुल्लू, चिरौल, बकान, कसई आदि के करीब 55 सौ पौधे लगे हैं।
प्रकृति से निकट रहने से आप निरोग व खुशमय जीवन यापन कर सकते हैं। हर व्यक्ति को एक बाग तैयार करना चाहिए। भले ही वह छोटा हो। लेकिन उसमें जाकर कुछ समय बिताएं।
राजाबाबू सिंह, पचनेही निवासी, वरिष्ठ आईपीएस व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ट्रेनी) मध्य प्रदेश
बुंदेलखंड की जलवायु सभी प्रकार की नीबू प्रजाति के लिए मुफीद है। गंधराज नीबू यहां के किसानाें के लिए फायदे की खेती हो सकती है।
डा. बिजेंद्र कुमार, सहायक प्राध्यापक, फल एवं उद्यान विभाग, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
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