By pradeep dwivedi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 16 Feb 2024 10:51 AM (IST)
शासन ने धान बेचने वाले किसानों का भुगतान हर हाल में 48 घंटे में करने के निर्देश दे रखे हैं। इसके जरिए पीएफएमस से भुगतान की व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद किसानों के भुगतान में महीनों का समय लग रहा है। जिन किसानों ने आढ़तियों को धान बेचा है उनकी तो बल्ले-बल्ले है लेकिन जिन्होंने सरकारी केंद्रों में गए उन्हें भुगतान को लेकर इंतजार करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, बांदा। चित्रकूटधाम मंडल में धान खरीद में 48 घंटे में भुगतान के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। पीएफएमएस पोर्टल पर तकनीकी कमी की बात कहकर किसानों को दौड़ाया जा रहा है। बांदा, हमीरपुर, महोबा जनपद में किसानों का 4.65 करोड़ रुपये खरीद एजेंसियों पर बकाया है। इसके लिए वह चक्कर लगा रहे हैं।
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इस वर्ष करीब 35 हजार टन धान खरीदा गया है। इसमें 6660 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने जल्द भुगतान की उम्मीद में सरकारी केंद्रों में धान बेचा था। करीब नौ सौ किसानों की पूंजी एजेंसियों के पास फंसी है। भुगतान न होने पर उनके घर में शादी-ब्याह व अन्य कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं।
48 घंटे में भुगतान करने के निर्देश
शासन ने धान बेचने वाले किसानों का भुगतान हर हाल में 48 घंटे में करने के निर्देश दे रखे हैं। इसके जरिए पीएफएमस (पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) से भुगतान की व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद किसानों के भुगतान में महीनों का समय लग रहा है।
जिन किसानों ने आढ़तियों को धान बेचा है, उनकी तो बल्ले-बल्ले है लेकिन जिन्होंने सरकारी केंद्रों में गए, उन्हें भुगतान को लेकर इंतजार करना पड़ रहा है। मंडल में इस वर्ष एक नवंबर से धान की खरीद शुरू हुई थी। अब तक करीब 36 हजार टन धान खरीदा गया है। जबकि लक्ष्य एक लाख साढ़े तीन हजार टन खरीद का है।
29 फरवरी तक ही धान की खरीद की जानी है। भुगतान की स्थिति पर नजर डालें तो बांदा जनपद में 5289 किसानों ने अब तक केंद्रों में अपनी उपज तौलाई है। इसमें 2527 किसानों ने विपणन शाखा और 2241 किसानों ने पीसीएफ में धान की बिक्री की है। जबकि 521 किसानों ने सहकारी समितियों में बेचा है।
भुगतान की बात करें तो विपणन शाखा में धान के 60 लाख 15 हजार रुपये की बकायेदारी है। वहीं पीसीएफ में दो करोड़ 42 लाख रुपये का भुगतान बकाया है। वहीं यूपीपीएस (सहकारी समितियां) में 69 लाख 20 हजार का भुगतान फंसा है। जबकि खुद एफसीआइ ने भी 10 लाख 65 हजार रुपये किसानों के दबा रखे हैं।
इसी तरह चित्रकूट जनपद में विपणन शाखा में 24 लाख 48 हजार, पीसीएफ के केंद्रों में 48 लााख 37 हजार रुपये का भुगतान नहीं हो सका। हमीरपुर जनपद में विपणन शाखा के तीन केंद्र खोले गए थे। इनमें किसानों का छह लाख 13 हजार रुपये दिए जाने हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
धान बेचने वाले जिन किसानों का भुगतान बकाया है, उन्हें जल्द मिलेगा। कभी-कभी भुगतान भेजने के बाद भी पीएफएमएस पोर्टल पर शो नहीं करता है। वहीं कुछ तकनीकी कमी से भी भुगतान में दिक्कतें हो जाती हैं। - प्रशांत कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, पीसीएफ, चित्रकूटधाम मंडल, बांदा
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