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    UP Board Exam Tips: व्याकरण-लेखनी पर बना ली पकड़ तो हिंदी परीक्षा में बरसेंगे अंक... जानें तैयारी के बेहतरीन टिप्स

    Updated: Mon, 20 Jan 2025 07:14 PM (IST)

    UP Board Exam 2025 Tips यूपी बोर्ड परीक्षा में हिंदी (Hindi Subject Exam) में बेहतर अंक प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञों से जानिए तैयारी के बेहतरीन टिप्स और रणनीतियां। व्याकरण पर पकड़ मजबूत करें शुद्ध और सुंदर लेखनी का अभ्यास करें और समय प्रबंधन में कुशल बनें। तनाव से दूर रहें और सफलता के लिए दृढ़ संकल्प के साथ तैयारी करें।

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    बोर्ड परीक्षा में हिंदी में बेहतर अंक प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञों से जानिए तैयारी के बेहतरीन टिप्स। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, बांदा। हिंदी एक ऐसा विषय है, जिसे अक्सर सभी हल्के में ले लेते हैं। यही लापरवाही परीक्षा में मेधावी बनने की राह में रोड़ा बन जाती है, क्योंकि हिंदी के प्रश्न-पत्र में पूछे जाने वाली व्याकरण गणित व विज्ञान के सूत्रों से कम नहीं है।

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    यदि इसकी अच्छे से तैयारी कर ली जाए तो परीक्षा में बेहतर अंक हासिल किए जा सकते हैं, क्याेंकि हिंदी के प्रश्न-पत्र में जो बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका उत्तर परीक्षार्थी को ओएमआर सीट पर देना होता है।

    वहीं बीस अंक के होते हैं, जो हिंदी व्याकरण के अध्याय से होते हैं। इसके साथ ही रस, अलंकार व छंद भी परीक्षा की नजर से कम महत्वपूर्ण नहीं होते हैं।

    दृढ़ संकल्प व एकाग्रता के साथ करें तैयारी, निश्चित मिलेगी सफलता- रंजना सिंह 

    जीआइसी बांदा की प्रवक्ता रंजना सिंह (विशेषज्ञ) बताती हैं कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र बोर्ड की परीक्षा में शत प्रतिशत अंक प्राप्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से तैयारी करने की आवश्यकता है। परीक्षा में कॉपी कैसे लिखनी है, इसकी कला यदि सीख गए तो पास होना तो बहुत छोटी बात है आप परीक्षा में अपना एक स्थान बना सकते हैं।

    रंजना सिंह (विशेषज्ञ), प्रवक्ता जीजीआईसी बांदा। 

    इसके लिए परीक्षार्थी को 24 घंटे की एक निश्चित दिनचर्या, मिनट टू मिनट बड़ों से विचार विमर्श कर अपनी शारीरिक, मानिसक क्षमता का ध्यान रखें। दिनचर्या में 15 मिनट ध्यान व 30 मिनट शारीरिक व्यायाम को अवश्य शामिल करें। जिससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे, चित्त भी एकाग्र रहेगा।

    अपनी दिनचर्या में किसी भी प्रकार का समझौता न करें। कड़ाई से पालन के साथ सात्विक भोजन, सकारात्मक सोच अपने लक्ष्य के प्रति रखें। इसके साथ ही बीते वर्ष आयोजित हुई परीक्षा के प्रश्न-पत्रों को हल करें, जिससे परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का स्तर समझ में आएगा और उसी के आधार पर तैयारी करनी चाहिए।

    प्रश्न पत्रों को हल करने में यदि कहीं दिक्कत आ रही हो तो अपने संबंधित विषय के शिक्षक से उसे बताए और समझें। अभी एक माह का समय छात्रों के पास है, जो परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त है। वह अभी से तैयारी में जुट जाएं और बोर्ड की वेबसाइट में उपलब्ध प्रश्नपत्रों को 15 मिनट ठीक से पढ़कर समय प्रबंधन के साथ प्रश्न-पत्र को हल करें।

    शुद्ध और सुंदर लेखनी के साथ व्याकरण पर पकड़ के साथ लहरा सकते हैं परचम- अंजू शुक्ला

    जीआइसी बांदा की सहायक अध्यापक (हिंदी) अंजू शुक्ला बताती हैं कि हाईस्कूल की परीक्षा में पास होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है, बस इसके लिए व्याकरण पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए। हिंदी विषय में व्याकरण एक ऐसा विषय है जिसकी यदि अच्छे से तैयारी कर ली जाए तो परीक्षा में सफलता का परचम लहराया जा सकता है। हां इसके साथ शुद्ध और सुंदर लेखनी का होना बहुत जरूरी है।

    हिंदी में 20 अंक तो बहुविकल्पीय प्रश्नों को हल करके पा सकते हैं, जिसके लिए व्याकरण पर पकड़ मजबूत होनी चाहिए। इसके अलावा रस, अलंकार और छंद का भी अच्छे अंक प्राप्त करने में बहुत बड़ी भूमिका होती है। इस बात को जरूरी ध्यान में रखना चाहिए।

    पत्र व लेखन का अभ्यास जरूर करें- अंजू

    इसके अलावा परीक्षार्क्षी निबंध व पत्र लेखन का अभ्यास जरूर करें। काव्य में सूर्यदास, कबीरदास व तुलसीदास के जीवन क्रम व उनके पाठों का गहनता से अध्ययन करें। वहीं, गद्य की बात करें रामचंद्र शुक्ल, जयशंकर प्रसाद, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, रामधारी सिंह दिनकर बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय हैं।

    वहीं गद्य व पद्य के गद्यांश पर आधारित प्रश्नों को जरूर तैयार करें। वहीं संस्कृत में सूक्तियों , रूप के साथ कम से कम तीन श्लोक जरूर याद करें। अंत में सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी बात परीक्षार्थी को परीक्षा में बिना तनाव व शांत मन से कम से कम 15 मिनट अच्छे से प्रश्न पढ़ने के बाद ही उत्तर लिखना चाहिए।

    मेधावियों की राय

    स्कूल के अलावा घर पर भी पढ़ाई का बनाएं टाइम टेबल- महविश

    जीआइसी बांदा के मेधावी छात्रा महविश ने बताया कि दुविधा पूर्ण प्रश्नों पर समय बर्बाद न कर पहले उन प्रश्नों को हल करें जो अच्छे से आते हों। कॉलेज में जो शिक्षकों द्वारा पढ़ाया गया है, उसे सरलीकृत विषय वस्तु को ग्रहण करें। स्कूल में जो पढ़ाया गया है, उसे घर पर सुबह-शाम को घर पर जरूर फेरें। पढ़ाई के लिए एक चार्ट बनाएं, जिसमें सभी विषयों का समावेश हो पढ़ाई के दौरान यदि मन में थकान का एहसास होने लगे तो थोड़ा टहलें या घरेलू कार्य को करें, उसके बाद फिर पढ़ाई करने बैठ जाएं। परिवार के साथ समय गुजारें और परीक्षा की तैयारी को साझा करें।

    महविश (मेधावी छात्रा) जीआईसी, बांदा।

    जिस अध्याय को समझने में दिक्कत आए उसे शिक्षक से पूछे : ज्योति कश्यप

    मेधावी छात्रा ज्योति कश्यप ने बताया कि देर रात तक पढ़ाई के बजाय सुबह-शाम की पढ़ाई को दिनचर्या में शामिल करें। जो अध्याय कठिन या समझ में न आए उसे नोट करें और शिक्षक व साथियों के साथ साझा जरूर करें। पढ़ाई के बाद बचे समय में तैयार किए गए पाठों का रिवीजन जरूर करें। प्रश्नों की तैयारी में पूरी ऊर्जा झोंक दें। लापरवाही बिल्कुल न करें।

    ज्योति कश्यप (मेधावी छात्रा) जीआईसी, बांदा।

    साथ ही उत्तर-पुस्तिका में स्पष्ट हेडिंग और प्रश्न तथा खंड संख्या का अंकल करें। परीक्षा के दौरान तनाव से दूर रहें, जरूरत पर तनाव दूर करने के लिए मनोरंजन को भी दिनचर्या का हिस्सा बना लें।

    मनोविज्ञानी की सलाह

    डॉ. अशोक राजपूत, वरिष्ठ चिकित्सक जिला अस्पताल ने बताया कि मानसिक तनाव से दूर रहने के लिए ध्यान जरूर करें। फिजूल की बातों से दूर रहें, पढ़ाई में मन लगाए। एक साथ पढ़ाई करने के बजाय बीच बीच में ब्रेक लेते रहें। सेहत का ध्यान देते रहें, सात्विक भोजन और पानी पर्याप्त मात्रा में लें।

    डॉ. अशोक राजपूत, वरिष्ठ चिकित्सक जिला अस्पताल।

    (नोट- दैनिक जागरण के प्रश्न पहर पर मंगलवार को डीएवी इंटर कॉलेज के हिंदी शिक्षक संतोष सिंह दोपहर 12 से 1 बजे तक उपस्थित रहेंगे। 10 वीं के बोर्ड परीक्षार्थी हिंदी विषय की तैयारी में आने वाली समस्याओं पर छात्र सवाल पूछ सकते हैं।)