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    दुर्घटना में घायल को हॉस्पिटल पहुंचाने वाले को अब 5 नहीं; मिलेंगे 25 हजार, पुलिस नहीं करेगी पूछताछ

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 05:13 PM (IST)

    सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने वालों को अब सरकार 25 हजार रुपये का पुरस्कार देगी। राहवीर योजना के तहत मददगारों को पुलिस पूछताछ से भी राहत मिलेगी। बुंदेलखंड में हाईवे पर दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि लोग घायलों की मदद करने के लिए आगे आएं और गोल्डन आवर में सही इलाज मिल सके।

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    दुर्घटना में घायल को हास्पिटल तक पहुंचाने वाले को मिलेंगे 25 हजार। जागरण

    जागरण संवाददाता, बांदा । दुर्घटना में घायल को अस्पताल तक पहुंचाने पर राहवीर योजना के तहत अब मदद करने वाले को 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। अभी तक इस मदद करने वाले को पांच हजार रुपये मिलता था। विभाग ने बदलाव करते हुए पांच हजार रुपये की धनराशि को बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया है।

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    साथ ही मददगार बने व्यक्ति को पुलिस के पूछताछ के झंझट से भी राहत मिलेगी। अब पुलिस मददगार बने राहवीर से ज्यादा पूछताछ कर परेशान नहीं करेगी। ऐसा होने से अब लोग सड़क दुर्घटना में घायलों के मददगार बनने के लिए हाथ बढ़ाएंगे।

    बुंदेलखंड के पांचाें जिलों में एक एक्सप्रेस-वे समेत एक दर्जन से अधिक नेशनल व स्टेट हाइवे और सैकड़ों संपर्क मार्ग हैं। बीते कुछ वर्षों से वाहनों की संख्या में तेजी के साथ बढ़ोत्तरी हुई है। हजारों की संख्या में आवागमन करने वाले वाहनों में प्रतिदिन सड़क दुर्घनाएं होती है। सही समय पर इलाज न मिल से घायलों की जान चली जाती है।

    अक्सर होता है कि समय बर्बाद करने व पुलिस की पूछताछ की झंझट से बचने आदि को लेकर राहगीर घायलों को अनदेखा कर निकल जाते हैं। सरकार ने अब नेक आदमी योजना के स्थान पर राहवीर योजना शुरू की है। अभी तक नेक आदमी योजना में पांच हजार रुपये का पुरस्कार देती थी।

    साथ ही मददगार बने राहगीरों से भी पुलिस घटना को लेकर कई तरह के सवाल करती थी। जिसको लेकर अक्सर घायलों की मदद करने में लोग बचते थे। लेकिन अब राहवीर योजना के तहत घायलों को अस्पताल पहुंचाकर जान बचाने वाले मददगार बने व्यक्ति को राहवीर घोषित करते हुए 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यानी उसे 25 हजार रुपये के चेक के साथ राहवीर प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

    पुलिस नहीं करेगी पूछताछ 

    सरकार के सख्त निर्देश हैं कि घायल को गोल्डन आवर में पहुंचाने वाले मददगार बने व्यक्ति से पुलिस घटना को लेकर काेई सवाल नहीं करेगी। वह अन्य श्रोतों से जानकारी एकत्र करेगी। हां यदि इसमें घायल को पुलिस को कोई सूचना या जानकारी देना चाहता है तो वह स्वैच्छा से पुलिस को बता सकता है। पुलिस मददगार बने व्यक्ति से उसका मोबाइल नंबर लेकर बाद में थाने आदि आने के लिए भी कोई दबाव नहीं बनाएगी।

    क्या है गोल्डन आवर

    गोल्डन आवर शब्द का उपयोग रोड एक्सीडेंट के दौरान घायल व्यक्ति को उचित समय पर इलाज मिलने की समय सीमा के लिए किया जाता है। उस वक्त डाक्टरों का मानना है कि गोल्डन आवर जीवन और मृत्यु के बीच का वह महत्वपूर्ण समय जिसमें उचित इलाज मिले तो घायल व्यक्ति की जिंदगी बचाई जा सकती है। रोड एक्सीडेंट के दौरान यह समय एक घंटे का होता है।

    दरअसल किसी भी दुर्घटना में गंभीर चोट लगने पर मरीजों के शरीर से काफी ज्यादा खून बह जाता है। मरीज का जितना ज्यादा खून बहेगा, उतना ही ज्यादा खतरा बढ़ता जाएगा। ऐसे में मरीज को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी उचित इलाज मिलना चाहिए, जिससे उसकी जान बच सके।

    इन बातों का रखें ध्यान

    किसी भी घायल को सही प्राथमिक उपचार देने से उनके बचने की संभावना बढ़ जाती है। इससे चोटों की गंभीरता को कम करने में मदद मिलती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को किस तरह से संभाला जाए ताकि किसी भी चोट, खासकर रीढ़ की हड्डी की चोट को और खराब न किया जा सके।

    यह बात भी है महत्वपूर्ण

    घायल व्यक्ति की गर्दन न हिलाने दें। गर्दन के दोनों तरफ लकड़ी के ब्लाक जैसी कोई कठोर वस्तु रखें। घायल व्यक्ति को गंभीर चोट लगने पर उन्हें हिलाने से उनकी चोटें और भी खराब हो सकती हैं या फिर उसकी मृत्यु भी हो सकती है।

    अगर घायल खून की उल्टी कर रहा है, तो उसे सीधा न लिटाएं और किसी एक तरफ करवट में लिटा दें। यदि घायल व्यक्ति के शरीर में कुछ चुभ या घुस गया है तो उसे निकालने की कोशिश न करें। ऐसा करने से शरीर से बहुत ज्यादा खून बह सकता है। अगर पैर या हाथ घटना के बाद काम नहीं कर रहे हैं तो सहारा जरूर दें, ताकि अंग और खराब न हो।

    सड़क दुर्घटना से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

    -हमेशा जेब्रा क्रासिंग से ही सड़क पार करें।

    -शराब पीकर या नशे में कभी गाड़ी न चलाएं।

    -अगर थके हुए हैं तो तो आप गाड़ी न चलाएं।

    -वाहन चलाते हुए ट्रैफिक सिग्नल का पालन करें।

    -पैदल या वाहन चलाते समय हमेशा बाईं ही रहें।

    -चौराहों, तिराहों या मुड़ते समय स्पीड कम करें।

    -गाड़ी की स्पीड धीमा करने के बाद ही टर्न लें।

    -सड़क पर चलते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें।

    -कभी भी गलत साइड में गाड़ी न चलाएं।

    कार चलाते समय इनका रखे ध्यान

    -कार चलाते समय सीट बेल्ट जरूर पहनें।

    -गाड़ी चलाते हुए पूरा ध्यान रोड पर रखें।

    -तेज गति से वाहन चलाने से बचें।

    -वाहन का ठीक से रखरखाव करें।

    -बाइक के लिए सड़क सुरक्षा नियम

    -दोपहिया चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनें।

    -दो लेन के बीच में बाइक चलाने से बचें।

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