शुरू हुआ नवाबी जामा मस्जिद की मरम्मत का काम, 18वीं शताब्दी में हुआ था निर्माण
बांदा की नवाबी जामा मस्जिद की मरम्मत पुरातत्व विभाग ने शुरू कर दी है लेकिन बिना डीपीआर के काम होने पर सवाल उठ रहे हैं। मस्जिद समिति ने योजनाबद्ध मरम्मत की मांग की है। पहले चरण में मीनार ठीक की जा रही है। यह 1857 की क्रांति के सेनानी नवाब अली बहादुर सानी द्वारा बनवाई गई थी और अब राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक है।

जागरण संवाददाता, बांदा । पुरातत्व विभाग ने शहर की नवाबी जामा मस्जिद के मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया है। इसमें वह चरणवार मरम्मत करवाने की तैयारी में है। लेकिन डीपीआर तैयार किए बिना हो रही मरम्मतको लेकर मस्जिद प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने पुरातत्व विभाग से संरक्षित इमारत की मरम्मत आदि कार्यों की विस्तृत कार्य योजना तैयार करवाकर विधिवत मरम्मत कार्य करवाने की मांग की है।
फिलहाल पहले चरण में मीनार की मरम्मतकी जा रही है। अन्य मरम्मत कार्य अगले चरण में होंगे। शहर की नवाबी जामा मस्जिद की मरम्मत का काम पुरातत्व विभाग ने शुरू करवा दिया है। इसके मरम्मतका कार्य कई चरणों में किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व विभाग ने इसके मरम्मत में सबसे पहले ज्यादा जर्जर वाले हिस्से को लिया है। करीब डेढ़ सौ वर्ष पुरानी मस्जिद की मरम्मतका दायित्वपुरातत्व विभाग के झांसी संभाग को मिला है।
कब हुआ था मस्जिद का निर्माण?
दरअसल यह नवाबी जामा मस्जिद 1857 की क्रांति के सेनानी रहे नवाब अली बहादुर सानी ने 18वीं शताब्दी में मस्जिद का निर्माण करवाया था। इसमें दोनों ओर बनी मीनारें बेहद आकर्षक हैं। बीते कुछ वर्ष पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसे अपने संरक्षण में ले लिया। तब से यह राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों में से एक स्मारक हो गई। मस्जिद की जर्जर हो चुकी इमारत में मीनारों के छज्जे का हिस्सा कई बार गिरा।
कई बार स्थानीय लोगों ने इसके मरम्मत को लेकर मांग की। नवाबी जामा मस्जिद प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बाराबंकी, बांदा सांसद व पुरातत्व विभाग को पत्राचार के बाद मरम्मत कार्य शुरू हुआ है। फिलहाल मरम्मत कार्य शुरू हो चुका है। मरम्मतमें छह लाख रुपये खर्च किए जाएगें।
पुरातत्व विभाग ने संरक्षित पूरी इमारत के मरम्मत आदि कार्यों की विस्तृत कार्य योजना डीपीआर नहीं तैयार की जिसको लेकर नवाबी जामा मस्जिद प्रबंध समिति अध्यक्ष डा. शेख सादी जमा का कहना है कि पुरातत्व विभाग डीपीआर तैयार करवाकर यदि कार्य करें तो अच्छा होगा।
जामा मस्जिद को चरणबद्ध तरीके से मरम्मत किया जाएगा। इसमें पहले चरण में बाई तरफ की मीनार में क्षतिग्रस्त बालकनी में नए पत्थर लगाकर पूर्व की तरह जाली लगाई गई जा रही हैं। - तारक सिंह, सुपरवाइजर, पुरातत्व विभाग, झांसी सर्किल
पुरातत्व विभाग को संरक्षित इमारत की मरम्मत आदि कार्यों की विस्तृत कार्य योजना तैयार करना चाहिए। डीपीआर के मुताबिक कार्य कराने से विधिवत मरम्मत हो सकेगी। - डॉ. शेख सादी जमा,अध्यक्ष, नवाबी जामा मस्जिद प्रबंध समिति
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