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    बांदा कोर्ट में 12 गवाह पेश हुए, युवक की हत्या मामले में दोस्त समेत दो दोषियों को उम्रकैद

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 08:49 PM (IST)

    बांदा में, एक युवक की गोली मारकर हत्या करने और उसके पिता को घायल करने के मामले में, अदालत ने दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक पर 46 ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बांदा। युवक की गोली मारकर हत्या करने व उसके पिता को बट मारकर घायल करने के मामले में दोस्त समेत दो लोगों को अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश एससीएसटी डा. विकास श्रीवास्तव प्रथम की अदालत ने शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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    साथ ही अन्य धाराओं में सजा सहित 46,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर दोनों दोषियों को एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

    अर्थदंड की समस्त धनराशि श्याम के आश्रितों को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी। दोनों दोषियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। घटना के दस वर्ष बाद जहां फैसला आया है। वहीं अभियोजन की ओर से 12 गवाह पेश किए गए।

    बबेरू कोतवाली के मझीवां गाव निवासी भूखन वर्मा ने थाने में 30 अक्टूबर 2015 को मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि 29 अक्टूबर 2015 की रात 10 बजे बाइक से बिसंडा के बिसंडी गांव निवासी अरुण उर्फ राजा बाबू पांडेय पुत्र सत्यनारायण व जयसिंह उर्फ गब्बर सिंह घर आए।

    वह दोनों पहले से उनके घर आते- जाते थे। उसके 36 वर्षीय बेटे श्याम को घर के सामने बुलाया। इससे श्याम छोटे भाई चुनकू को साथ लेकर गया। जहां दोस्त समेत दोनों आरोपित उनके बेटे श्याम से उधार लिए गए रुपये मांगने लगे। उनके पुत्र ने कहा कि अभी रुपये नहीं है।

    इसी बात को लेकर उनके बेटे से दोनों की कहासुनी होने लगी। दोनों आरोपितों ने अवैध असलहे से श्याम पर गोली चला दी। वह जमीन में गिरकर तड़पने लगा। शोर मचाते हुए दोनों को पकडने का प्रयास किया तभी हमलावरों ने तमंचे की बट से प्रहार कर दिया। जिससे उनको भी चोट आ गई।

    गोली चलने की आवाज सुनकर गांव के लोग दौड कर आए तभी दोनों आरोपित बाइक व मोबाइल, जूता एवं साफी छोडकर जंगल की ओर भाग गए। थोडी देर बाद उनके पुत्र की मृत्यु हो गयी। तत्कालीन विवेचक यशवीर सिंह ने विवेचना करते समय अरुण व जयसिंह उर्फ गब्बर सिंह निवासी पतवन के भी खिलाफ आरोप पत्र 29 जनवरी 2016 को न्यायालय मे पेश किया।

    विशेष लोक अभियोजक विमल सिंह व डा. महेंद्र द्विवेदी ने बताया कि दोनों के विरूद्व अदालत में 18 मई 2016 को आरोप बनाया गया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 12 गवाह पेश किए गए।

    पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने व दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अपने 87 पृष्ठीय फैसले में अरुण उर्फ राजाबाबू व जयसिंह उर्फ गब्बर सिंह को हत्या में दोषी पाकर सजा व जुर्माने से दंडित किया। इस मामले की पैरवी कोर्ट मोहर्रिर योगेंद्र सिंह ने किया।