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    बुंदेलखंड का सूखा मिटाएगी समेकित जल प्रबंधन योजना

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 18 Jun 2021 11:07 PM (IST)

    जागरण संवाददाता बांदा समेकित जल प्रबंधन योजना माडल बुंदेलखंड क्षेत्र के अलावा राज्य एवं देश क ...और पढ़ें

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    बुंदेलखंड का सूखा मिटाएगी समेकित जल प्रबंधन योजना

    जागरण संवाददाता, बांदा : समेकित जल प्रबंधन योजना माडल बुंदेलखंड क्षेत्र के अलावा राज्य एवं देश के विभिन्न क्षेत्रों जहां जल की कमी है उपयोगी एवं उदाहरण बनेगा। यह परियोजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से वित्तपोषित होगी। जिसके लिए कुल लगभग 3.48 करोड़ स्वीकृत होने का अनुमान है। परियोजना के माध्यम से मृदा एवं उसके जल धारण क्षमता और जल निकास पर विस्तृत अध्ययन किया जायेगा।

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    बुंदेलखंड क्षेत्र जहां सूखा, अधिक वर्षा, मिट्टी का कटाव, जल जमाव, भूमिगत जल की कम उपलब्धता, उचित सिचाई प्रणाली का अभाव एक प्रमुख समस्या है। समस्या को गंभीरता से लेते हुये बांदा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से यह सफलता मिली। कुलपति डा. यूएस गौतम के कुशल नेतृत्व में केंद्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत वर्ष के पानी का समुचित व बहुउद्देशीय उपयोग हेतु समेकित जल प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय को एक परियोजना की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। कुलपति डा. यूएस गौतम ने हर्ष व्यक्त करते हुये कहा की यह परियोजना निश्चित रूप से पूरे बुंदेलखंड एवं आसपास के क्षेत्रों के लिए सौगात है। बुंदेलखंड परिक्षेत्र के लिए इस परियोजना का महत्व और भी बढ़ जाता है। डा. गौतम ने परियोजना के मुख्य अन्वेषक ई. संजय एवं उनकी टीम को बधाई देते हुये जिम्मेदारी से काम करने के लिए प्रेरित किया। परियोजना के प्रधान अन्वेषक एवं सहायक प्राध्यापक संजय कुमार ने बताया कि इस परियोजना द्वारा क्षेत्र के किसानों, कृषि संबंधित विभागीय अधिकारियों, एनजीओ एवं विकास से जुड़ी अन्य संस्थाओं के सदस्यों को सतही एवं भूमिगत जल प्रबंधन से जुडी़ नई तकनीकों के प्रशिक्षण के साथ-साथ सिचाई के नवीनतम विधियों का प्रदर्शन भी किया जायेगा। यह मॉडल बुंदेलखंड क्षेत्र के अलावा राज्य एवं देश के विभिन्न क्षेत्रों जहां जल की कमी है उपयोगी एवं उदाहरण बनेगा। साथ ही नीति निर्धारकों के लिए देश एवं राज्य के दूसरे क्षेत्र में माडल स्थापित करने के लिए दिशा निर्देश का कार्य करेगा। रोजगार के अवसर एवं प्रवासी स्थानान्तरण को भी रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।