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    Banda News: बांदा में मानवता को झकझोरने वाली तस्वीर, जलभराव और कीचड़ से अंतिम यात्रा; Video Viral

    By Vishnu Shukla Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Sun, 13 Jul 2025 09:22 PM (IST)

    बांदा से मानवता को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। एक कीचड़ और जलभराव से अंतिम यात्रा को लेकर ग्रामीण जा रहे हैं। मामला जिले के निवादा मलेहरा गांव का है। जहां श्मशान घाट तक जाने के लिए हर तरफ पानी और कीचड़ था। किसी भी वक्त शव गिरने का डर ग्रामीणों को सताता रहता है।

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    जिले के निवादा मलेहरा गांव में कीचड़ से भरे रास्ते पर शव लेकर गुजरते ग्रामीण।

    जागरण संवाददाता, बांदा। विकास की बातों और योजनाओं की हकीकत तब सामने आती है जब जमीनी सच्चाई कीचड़ और जलभराव में फंसी दिखती है। एक ऐसा ही मंजर नरैनी तहसील के महुआ ब्लाक अंतर्गत ग्राम निवादा मलेहरा से सामने आया, जहां एक वृद्ध के अंतिम संस्कार के लिए शव को कंधे पर लेकर लोग घुटनों तक कीचड़ और पानी से भरे रास्ते से श्मशान घाट तक ले गए।

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    दरअसल हुआ यूं कि बीते शनिवार को गांव के राजा सिंह खंगार के पिता का निधन हो गया। स्वजन और ग्रामीण जब अंतिम संस्कार के लिए शव को लेकर श्मशान घाट की ओर निकले, तो रास्ता नाले में तब्दील हो चुका था। चारों तरफ कीचड़ और पानी ही पानी था। गांव से श्मशान तक कोई पक्की या चलने लायक सड़क नहीं है। ग्रामीणों को कीचड़ में फिसलते, पैर धंसाते हुए शव लेकर निकलना पड़ा। इस दौरान बच्चे और बुजुर्ग तक बिना चप्पल कीचड़ में फंसे रहे।

    पक्की सड़क नहीं, प्रशासन मौन

    ग्रामीणों की माने तो यह मार्ग वर्षों से उपेक्षित है। बारिश आते ही यहां जलभराव की स्थिति बन जाती है। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से पक्की सड़क की मांग की, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। चुनावी वादों में यह रास्ता भी कई बार शामिल हुआ, पर हकीकत में कोई सुध नहीं ली गई।

    गांव के लिए अपमान की बात

    गांववालों ने कहा कि यह सिर्फ एक शव यात्रा नहीं थी, बल्कि एक सवाल था कि क्या एक व्यक्ति को मरने के बाद भी सम्मान से अंतिम संस्कार के लिए रास्ता नहीं मिल सकता? यह दृश्य न सिर्फ मानवता को झकझोरता है, बल्कि जिम्मेदारों की संवेदनहीनता का आईना भी है।

    प्रशासन से जवाब तलब जरूरी

    अब सवाल उठता है कि क्या ऐसे रास्तों की उपेक्षा में किसी की गरिमा का हनन नहीं हो रहा। प्रशासन को चाहिए कि वह सिर्फ फाइलों में विकास न दिखाए, बल्कि जमीन पर भी उसका असर हो। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही रास्ते का निर्माण नहीं हुआ तो वे धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

    एसडीएम बोले... मामले की करेंगे जांच 

    नरैनी एसडीएम अमित शुक्ला ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है, यदि ऐसा है तो हम मामले की जांच कराएंगे।

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