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    Banda News: प्रशासन ने गिराया गरीब का घर; विधायक बोले-एसडीएम साहब मनमानी करोगे तो ठीक कर देंगे

    Updated: Sun, 13 Jul 2025 12:12 PM (IST)

    बांदा जिले के बबेरू में मध्य कृषक सेवा समिति की जमीन पर बने एक गरीब परिवार के घर को प्रशासन ने बिना नोटिस दिए गिरा दिया जिससे विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि एसडीएम ने सत्ता के दबाव में यह कार्रवाई की। पीड़ित परिवार का कहना है कि उनका सामान भी मलबे में दब गया। विधायक ने अधिकारियों को चेतावनी दी है।

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    बबेरू में मध्य कृषक सेवा समिति में कब्जा हटाने की कार्रवाई के बाद अफसरों से बात करते सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी। जागरण

    विमल पांडेय जागरण , बांदा। बबेरू में मध्य कृषक सेवा समिति की जमीन में काबिज एक परिवार को जिस प्रकार से तहसील प्रशासन ने बगैर कोई सूचना या नोटिस दिए हटाया, वह चर्चा का विषय बना चुका है। इस पूरे प्रकरण में एसडीएम बबेरू पर गंभीर आरोप हैं। आरोप हैं कि उन्होंने सत्ता पक्ष के कुछ लोगों के इशारे में जबरन कब्जा हटवा दिया। वहीं, सदर विधायक ने फोन पर ही एसडीएम को चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा, मनमानी करोगे तो ठीक कर देंगे। फोन पर चेतावनी देने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। 

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    मध्य कृषक समिति की जमीन से बगैर नोटिस दिए ही गिरा दिया आशियाना

    मध्य कृषक सेवा समिति में 25 साल से काबिज कब्जे को शुक्रवार एसडीएम की अगुवाई में गई प्रशासनिक टीम ने बुलडोजर लगाकर गिरा दिया गया था। कब्जेदार राजेंद्र प्रसाद पांडेय व उनके पुत्रों संजय और गोलू का आरोप था कि बगैर नोटिस दिए ही प्रशासन ने जबरन भवन गिरा दिया। आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल के साथ के इशारे पर जबरन भवन गिरा दिया गया है। जब कि मामले में मुकदमा विचाराधीन है।

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    भवन गिराने के दौरान एसडीएम के समक्ष अपना पक्ष रखतीं पीड़ित पक्ष की महिलाएं। जागरण  

    क्या है पूरा मामला

    मध्य कृषक समिति बबेरू में राजेंद्र प्रसाद पांडेय सेल्समैन पद पर तैनात रहे हैं। इसी समिति में इनकी भूमि भी है। करीब 25 वर्षो से राजेंद्र प्रसाद पांडेय बनाम मध्य कृषक सेवा सहकारी समिति के बीच मुकदमा चल रहा था । लेकिन 8 वर्ष पहले 5 सितंबर 2016 को मुकदमा मध्य कृषक का खारिज हो गया था। राजेंद्र प्रसाद के पुत्र संजय के अनुसार प्रकरण में कई बार जमीन की नाप जोख हो चुकी थी।

    इस भूमि में 0.267 हेक्टेअर हिस्सा मध्य कृषक समिति के हिस्से में है। पैमाइश के दौरान यह भूमि 0.271 हेक्टेअर पाई गई है। इसके बावजूद एसडीएम रजत वर्मा ने टीम ले जाकर बगैर नोटिस दिए भवन को जबरन गिरा दिया । कागजात दिखाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं की गई है।

    सदर विधायक ने मामले में अफसरों को दी चेतावनी 

    शनिवार को सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने एसडीएम समेत उच्चाधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि समिति में रह रहे परिवार को भी तहसील प्रशासन ने नहीं देखा है। यदि कब्जा ही था तो पहले उस परिवार को एक नये स्थान में आवासीय व्यवस्था देनी चाहिए थी। कहा इस मामले में वह चुप नहीं बैठेंगे।

    एसडीएम की मनमानी पर वह उच्चाधिकारियों से वार्ता करेंगे। जरूरत पड़ी तो बात शासन तक पहुचाएंगे। उन्हाेंने अफसरों को चेतावनी दी कि मनमानी करोगे तो ठीक कर देंगे। अफसरों ने पार्टी बनकर एक गरीब का आशियाना गिराया है यह अत्यंत निंदनीय है। जिला सहकारी अधिकारी अरुण कुमार तिवारी पर भी गंभीर आरोप लगाए गए।

    जिला पंचायत अध्यक्ष ने चलवाया बुलडोजर

    दिव्यांग राजेंद्र प्रसाद की बहू मंजरी पांडेय एवं प्रीति पांडेय ने जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल पर खुला आरोप लगाया कि उन्होंने हमसे आधी जमीन मांगी थी हमने जमीन देने से इन्कार किया तो सत्ता की हनक और प्रशासन की मिली भगत के चलते हमारे मकान को ध्वस्त कर दिया। आरोप लगाया कि लगभग 5 लाख रुपये का गृहस्थी का सामान भी मलबे में दब कर बर्बाद हो गया।

    कहा कि उप जिलाधिकारी के सामने कागज लेकर न्याय की गुहार लगाई लेकिन सत्ता के दबाव में नजर अंदाज कर दिया गया। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल ने कहा कि मध्य सेवा सहकारी समिति को जमीन है । करीब 10 गांवों के किसानों के पूर्वजों ने समिति को यह जमीन दिया था । कहा कि लगाए गए आरोप बेबुनियाद एवं निराधार हैं। इस प्रकरण से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।

    मध्य कृषक समिति के प्रकरण में कोऑपरेटिव समिति ने कार्रवाई की है। यदि पीड़ित पक्ष को स्थानीय अधिकारियों पर भरोसा नहीं है तो वह इस प्रकरण को अन्य किसी अधिकारी से इसकी जांच करा देंगी। कहा कि जहां कब्जा हटवाया गया है वहां किसी प्रकार का आवासीय भवन नहीं था। जे रीभा डीएम बांदा

    प्रकरण में मेरा कोई लेना देना ही नहीं है। कोऑपरेटिव विभाग ने जर्जर भवन गिराकर नया भवन बनाने की रूपरेखा बनाई थी। भवन गिराने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था मांगी गई थी। सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। रजत वर्मा एसडीएम बबेरू 

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