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    बांदा में झमाझम बारिश से उफनाई नदियां, कई मार्ज जलमग्न, आवागमन बाधित

    By balram singh Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Fri, 18 Jul 2025 06:07 PM (IST)

    बांदा में लगातार बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं। बाढ़ का अलर्ट जारी है। साथ ही नदियों के पानी की वजह से कई मार्ग जलमग्न हो गए हैं। जिले व एमपी में हुई झमाझम बारिश से जल स्तर बढ़ रहा है। केन का 5.65 मीटर व यमुना का जलस्तर 0.70 मीटर बढ़ गया है।

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    सिंधनकला तुर्री नाला संपर्क मार्ग के समीप बढे केन नदी का जलस्तर से डूबे विद्युत पोल। फोटो स्त्रोत ग्रामीण

    जागरण टीम, बांदा। बांदा (Banda) जिले व पड़ोसी राज्य एमपी में हुई झमाझम बारिश के चलते केन का जल स्तर बढ़ गया। गुरुवार को केन नदी का जल स्तर 96.65 मीटर रहा जो शुक्रवार को शुक्रवार को 5.65 मीटर बढ़ कर 102.30 मीटर पर पहुंच गया। वहीं यमुना नदी का जलस्तर 94.60 मीटर था जो 70 सेंटीमीटर बढ़कर 95.30 मीटर पर पहुंच गया। पैलानी में बह रही केन व चंद्रावल नदी, बदौसा की बागै नदी व नरैनी के रंज नदी का जल स्तर बढ़ने से कई रपटे डूबे हैं व किसानों की फसलें जलमग्न हो गईं हैं।

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    जलभराव होने से समस्या हो रही है। इन मार्गों में बने रपटे आदि में नाव से राहगीर पार कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर रपटों में चल रहीं नावों में यात्री जान जोखिम में डाल कर बिना लाइफ सपोर्ट जैकेट पार कर रहे हैं।

    शहर में बह रही केन नदी का जल स्तर बढ़ने से घाट तक एक बार फिर पानी पहुंच गया। 13 जुलाई को 5.2 मीटर बढ़ने से पहली बार ऊपर घाट तक पानी आया था। शुक्रवार को फिर से 5.65 मीटर जल स्तर बढ़ने दोबारा स्थिति आई है। हालांकि इस बार केन नदी अपने चेतावनी बिंदू से 70 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। केन का जल स्तर 102.30 मीटर है।

    पैलानी क्षेत्र में बह रहीं केन व चंद्रावल नदियों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। क्षेत्र के पांचों रपटे पलरा-नरी, गोरी-अमारा, पड़ोहरा-नांदादेव, सिंधनकला-तुर्री व बरेहटा-धोवर रपटे जलमग्न हैं। सैकड़ों बीघे फसलें जलमग्न हैं। तहसीलदार पैलानी राधेश्याम सिंह लगातार बाढ़ को लेकर ग्रामीणों, ग्राम प्रधानों से संपर्क कर रहे हैं। संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों में शंकरपुरवा, सिंधनकला, गुरगवां, पंडवन डेरा, तगड़ा डेरा, खप्टिहाकलां के मजरा छनिहन डेरा शिवपाल डेरा सेमरन डेरा, पंडितन डेरा, शिवरामपुर, बरेहटा, दिप्पा डेरा, तारा, खजुरी आदि गांवों के बाढ़ को लेकर जागरूक किया जा रहा है।

    उधर बदौसा से केवट पुरवा, कहिमानी माता देवस्थान से लेकर झब्बू पुरवा जाने वाले मार्ग पर गबडिहा रपटा डूब जाने से आवागमन में परेशानी हो रही है। बिना लाइफ सपोर्ट जैकेट के राहगीरों को नाव से पार करवाया जा रहा है। बदौसा-पौहार मार्ग पर बिसाहिल नाला भी उफान पर है। बदौसा-भुसासी मार्ग पर भुसासी गांव के नजदीक भाटा नाला जलमग्न होने से आवागमन बाधित है। वहीं नरैनी की रंज नदी का भी जल स्तर बढ़ा हुआ है। हालांकि यहां पर अभी कोई समस्या नहीं है। पर यदि और जल स्तर बढ़ता है तो समस्या हो सकती है। राजस्व टीमें लगातार नजर रखे हुए हैं। चिकित्सकों की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में दवाओं का वितरण भी शुरू किया है।

    -बाढ को लेकर सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ चौकियां खोली गई हैं, उनमें रोस्टरवार ड्यूटी लगाई गई है। कहीं पर कोई समस्या नहीं है। अधिकारी नजर बनाए हुए हैं। रपटों पर लाइफ सपोर्ट जैकेट के साथ नावें संचालित की जा रही हैं।

    राजेश कुमार, एडीएम राजस्व व वित्त

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