बैंक के नोटिस से परेशान किसान ने मौत को लगाया गले, बबूल के पेड़ से लटकती मिली लाश
बांदा में एक किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का कहना है कि बैंक के कर्ज की नोटिस मिलने से वह तनाव में था। बैंक ने नोटिस भेजने की वजह लोक अदालत में छूट का लाभ उठाने का अवसर बताया है दबाव डालने से इनकार किया है। मृतक रामकिशोर निषाद दशहरा पर ही मजदूरी करके लौटा था और पिता के कर्ज से परेशान था।

जागरण संवाददाता, बांदा। किसान ने गांव बाहर बबूल के पेड़ से साफी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। स्वजन उसकी खोजबीन करते रहे। स्वजन का आरोप है कि पिता के नाम उ.प्र. ग्रामीण बैंक शाखा बेंदा का 144175.40 रुपये कर्जा है।
बैंक कर्ज चुकता करने के लिए अगस्त माह में नोटिस मिली थी। कर्ज न भरपाने से परेशान होकर उसने आत्मघाती कदम उठाया है। जबकि बैंक के फील्ड अफसर मणिंद्र सिंह का कहना है कि जो लोक अदालत में सुलह के लिए नहीं शामिल हो पाए थे।
बैंक के रीजनल कार्यालय से इस आशय से नोटिस भेजी गई थी कि बैंक में आकर वह इस समय अच्छी मिल रही छूट का लाभ ले सकें। इसमें किसी तरह का दबाव आदि नहीं डाला गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पान मसाला खाने की बात कहकर घर से निकला
तिंदवारी थाना के ग्राम पंचायत अमली कौर के मजरा भगदरा डेरा के 52 वर्षीय किसान रामकिशोर निषाद पुत्र स्व: द्वारिका रविवार शाम घर से दुकान पान मसाला खाने के लिए जाने को कहकर निकले थे। इसके बाद वह देररात तक घर नहीं लौटे। इसमें स्वजन उनकी खोजबीन करते रहे। लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। सोमवार सुबह करीब सात बजे जब ग्रामीण गांव बाहर रोड किनारे गए तो वहां उसका शव पेड़ से फंदे में लटका मिला।
ग्रामीणों ने स्वजन व पुलिस को घटना की सूचना दी। इससे बेंदा चौकी इंचार्ज कृष्णपाल सिंह व डायल 112 के पुलिस कर्मियों ने घटनास्थल की जांच की। किसान की मां शिवकली व पत्नी विद्या देवी ने बताया कि रामकिशोर अभी दशहरा पर्व में गोवा से मजदूरी कर घर आए थे। आत्महत्या करने की वजह के बारे में स्वजन ने बताया कि रामकिशोर के पिता की छह वर्ष पहले बीमारी से मौत हो चुकी है। पिता ने 23 जुलाई 2014 को उ.प्र. ग्रामीण बैंक शाखा बेंदा से 57 हजार रुपये कर्ज लिया था।
कर्ज के पैसे बढ़ने से था परेशान
जिसकी धनराशि ब्याज सहित बढ़कर अब 144175.40 रुपये कर्ज के रूप में हो गई है। दो अगस्त को बैंक से उनके पास कर्ज चुकता करने के लिए नोटिस आयी थी। तभी से कर्ज चुकाने के लिए वह परेशान रहे हैं। गांव में कई लोगों से रुपये की मांगें थे। लेकिन फिर भी कर्ज नहीं भरपाए थे। इसी बात से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया है।
रामकिशोर बाहर कमाने जाने के साथ अपनी दो बीघा जमीन व बलकट, बटाई के लिए गए खेतों में किसानी करते थे। उसके एक बेटी कविता और एक बेटा अनिल है। जबकि वह अपने दो भाई व दो बहनों में सबसे बड़े थे। चौकी इंचार्ज ने बताया कि आत्महत्या किस बात को लेकर की है। इसकी जांच की जा रही है।
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