खास रणनीति से SIR का शत-प्रतिशत काम समय से पहले पूरा कर लिया, BLO अरविंद की खूब हो रही सराहना
बांदा में, अरविंद कुमार नामक एक बीएलओ ने एसआइआर कार्य को प्राथमिकता देते हुए शत-प्रतिशत फार्म भराकर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया। कमर दर्द से पीड़ित होने के बावजूद, उन्होंने रात-रात भर काम किया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने उनकी कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की और उन्हें अन्य बीएलओ के लिए प्रेरणा बताया। अरविंद का कहना है कि जिम्मेदारी को पूरी लगन से निभाना चाहिए।

जागरण संवाददाता, बांदा। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर लगे कर्मचारियों की ओर से उत्पीड़न के साथ खुदकशी जैसी घटनाओं के बीच कुछ बीएलओ ऐसे भी है, जो आदर्श पेश कर अपना समय से शत-प्रतिशत कार्य पूरा कर रहे हैं। फतेहपुर की घटना हो या फिर मुरादाबाद की, लेकिन कुछ बीएलओ के कार्य शैली को आज आदर्श बन रही हैं।
एक्सीडेंट के कारण कमर दर्द के कारण ज्यादा देर तक बैठने में असमर्थ बीएलओ अरविंद कुमार गुप्ता रात दो बजे तक बैठकर फार्मों को अपलोड किया। उन्होंने एसआइआर के काम को प्राथमिकता देते हुए शत-प्रतिशत फार्म भराने वाले जिले के पहले बीएलओ बन गए। जिला निर्वाचन अधिकारी जे.रीभा ने कहा कि अरविंद दूसरों बीएलओ के लिए मिसाल हैं।
तिंदवारी विधानसभा के चिल्ला गांव निवासी अरविंद कुमार गुप्ता इस समय सिंघौली गांव स्थित कंपोजिट विद्यालय में शिक्षाामित्र पद पर तैनात हैं। एसआइआर का कार्य शुरू होने पर उन्हें बीएलओ नियुक्त किया गया है। भाग संख्या 179 वाले इस बूथ पर कुल 877 मतदाता हैं।
अरविंद कुमार बताते हैं कि एसआइआर कार्य करने में कई दुश्वारियां सामने आई पर वह सबको दरकिनार कर एक लक्ष्य बनाकर काम किया। सबसे पहले वह एक घर के सभी मतदाताओं के फार्म एक साथ एकत्र करते पंच कर लेते। इसके बाद वह घर-घर पहुंचकर गणना पत्र बांटना शुरू किया। वह एक ही बार में ज्यादा से ज्यादा फार्मों काे बांटने के साथ उन्हें भरवाने के बाद कलेक्शन भी करते।
इस दौरान अपलोडिंग में में सर्वर की समस्या भी आडे आई तो वह दिन में गणना प्रपत्र वितरित करने व कलेक्शन करने के बाद रात को नौ बजे से बैठकर देर रात दो बजे तक कार्य करते। इस दौरान एक वर्ष पहले एक्सीडेंट के दाैरान चोंट लगने के कारण कमर दर्द बढ़ गया। एक दिन तो चलने फिरने में दिक्कत हुई, घर वालाें ने एक दो दिन का अवकाश लेकर आराम करने के लिए कहा। लेकिन एसआइआर की महत्ता को देखते हुए अरविंद कुमार रुके नहीं। वह इस दौरान दर्द निवारक दवा लिया, कमर में पट्टा भी बांधा और काम मेें जुटे रहे। अरविंद कुमार के मन में लक्ष्य पूरा करने का सपना हर समय कौंधता रहा।
वह दिन भर गणना प्रपत्र बांटने के साथ जिन मतदाताओं को कोई कालम समझ न आए वह स्वयं सहायता कर उन्हें पूरा करवाने के बाद रात को अपलोडि़ंग करने के लिए बैठ जाते और देर रात तक यह अपलोडिंग का कार्य करते। अगले दिन फिर वहीं रूटीन शुरू होता। एसआइआर कार्य पूरा करने का सिलसिला लगातार जारी रखा।
ऐसी ही लगने के साथ काम करते हुए जहां पूरे जिले के बीएलओ काम में हांफ रहे थे और अधिकारियों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगा रहे थे वहीं अरविंद कुमार ने 25 नवंबर को ही अपना शत-प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया। अरविंद कुमार के इस प्रयास की जिला निर्वाचन अधिकारी/डीएम जे.रीभा ने भी सराहना की।
उनका कहना है कि कहा कि अरविंद कुमार सभी के लिए नजीर हैं। उनसे सभी को सीख लेनी चाहिए। अरविंद कुमार ने बताया कि कोई काम मुश्किल नहीं होता। जो जिम्मेदारी मिलती है, उसे पूरा करना हर किसी का कर्तव्य होना चाहिए। वह कोई भी कार्य पूरी तन्यमता के साथ करते हैं।

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