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    बहन से मिलकर लौट रहे किसान की खदान के गड्ढे में डूबकर मौत

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 24 Jul 2022 04:02 AM (IST)

    प्रयास किया। नायब तहसीलदार ...और पढ़ें

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    बहन से मिलकर लौट रहे किसान की खदान के गड्ढे में डूबकर मौत

    बहन से मिलकर लौट रहे किसान की खदान के गड्ढे में डूबकर मौत

    संवाद सूत्र, खप्टिहाकला : खदान संचालकों के अवैध खनन में बनाए गए गहरे गड्ढे अब मौत का सबब बन रहे हैं। केन नदी के खदान 100/3 के संचालक ने जमकर अवैध खनन किया और बीस से 25 फीट के मौत के गड्ढे बना दिए। नाव घाट के पास ऐसे ही एक गड्ढे में शनिवार सुबह किसान डूब गया। नाविकों ने जबतक निकाला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। करीब तीन घंटे बाद उसकी शिनाख्त बबेरू के बगेहटा गांव निवासी के रूप में हुई। बहनोई ने बताया कि वह बहन के घर से लौट कर खप्टिहाकला आ रहा था, तभी हादसे का शिकार हो गया।

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    केन नदी के दूसरे छोर पर नाव घाट है। ग्रामीणों के मुताबिक सुबह साइकिल से करीब 65 वर्षीय वृद्ध नदी किनारे पहुंचा और पानी में हाथ धोने लगा। तभी गड्ढे की गहराई में असंतुलित होकर गिर गया। नजदीक ही मौजूद चंद्रप्रकाश और भूरा निषाद नाव से पहुंचे और पानी में छलांग लगा उसे बचाने का प्रयास किया। शोर सुन पहुंचे दिनेश निषाद, अशोक, पंचायत मित्र श्रीकांत सिंह व जयकरन भी तलाशने की कोशिश में जुटे। करीब 15 मीटर दूर उसका शव उतराता मिला। ग्राम प्रधान मैना निषाद की सूचना पर पैलानी प्रभारी निरीक्षक नंदराम प्रजापति पहुंचे और शिनाख्त का प्रयास किया। नायब तहसीलदार कमलेश यादव व लेखपाल कृष्ण चंद्र, चौकी इंचार्ज खप्टिहाकला ओम प्रकाश द्विवेदी ने आसपास शिनाख्त का प्रयास किया।

    घर से आया था बहनों से मिलने, हुई आखिरी मुलाकात

    करीब तीन घंटे बाद खप्टिहाकला निवासी भोला सोनी ने अपने साले बबेरू के बगेहटा निवासी पुन्ना उर्फ चुन्नी लाल के रूप में शिनाख्त की। पुलिस को बताया कि वह अपनी बहन रानी से मिलकर जसपुरा के गौरीकला में रहने वाली दूसरी बहन भूरी से मिलने गए थे, जहां से वापस लौट रहे थे। भांजे धर्मपाल ने बताया कि एक दिन पहले ही वह घर से गए थे। क्या पता था कि यह मामा की मां व मौसी से आखिरी मुलाकात होगी। धर्मपाल ने घटना की तहरीर दी। एसडीएम लाल सिंह यादव ने बताया कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार मृतक के स्वजन को आर्थिक मदद दी जाएगी।

    ग्रामीण बोले, बाढ़ में जा सकती हैं और जानें

    ग्रामीण इंद्रपाल सिंह, रामनरेश, नाव चालक भूरा निषाद, चंद्र प्रकाश निषाद ने बताया कि खदान संचालकों आने वाले समय में और भारी पड़ेगी। खनन क्षेत्र के बाहर करीब 20 मीटर गहराई तक खोदाई कर मौरंग निकाली गई है। ऐसे दर्जनों गड्ढे नदी किनारे बने हैं, जो बाढ़ के समय मौत के यमदूत साबित होंगे। बाढ़ के समय नाव पलटने की भी संभावना बनी रहेगी। ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध खनन की शिकायतों के बाद भी तहसील प्रशासन ने मौन साध रखा था। तत्कालीन एसडीएम सुरभि शर्मा ने एक बार अवैध खनन पर रोक लगाई थी लेकिन संचालकों की कारगुजारी जारी रही।

    पांच साल पहले दो बहनों की हुई थी मौत

    अवैध खनन से बने ऐसे ही गड्ढों में डूबकर पांच साल पहले नया डेरा निवासी भिन्ना निषाद की दो बेटियों की भी मौत हुई थी।