साइबर क्राइम पोर्टल से 113 बैंक खातों की हुई पहचान, 96 मोबाइल नंबर फ्रॉड में हुए इस्तेमाल
बांदा में साइबर क्राइम पोर्टल और बैंकों के सहयोग से साइबर ठगी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। 113 संदिग्ध बैंक खातों की पहचान हुई है, जिनमें 96 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल धोखाधड़ी में किया गया। साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी है। लोगों को केवाईसी अपडेट और ओटीपी फ्रॉड से बचने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, बांदा। सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल आइफोरसी से जनपद के सभी बैंकों से समन्वय स्थापित कर अभियान के तहत साइबर ठगी, डिजिटल फ्राड आदि आनलाइन अपराधों पर रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पोर्टल के आधार पर अपने जिले से संबंधित 113 बैंक खातों की पहचान की गई है।
जिनमें से करीब 96 मोबाइल नंबरों व बैंक खातों के माध्यम से साइबर ठगी, डिजिटल फ्राड, फिशिंग एवं अन्य आनलाइन अपराधों में धन का लेन-देन किया गया। संदिग्ध साइबर ट्रांजैक्शन जैसी गतिविधियां जुड़ी पाई गई हैं । साइबर पुलिस की ओर से तत्काल संज्ञान लेते हुए जनपद के विभिन्न बैंकों के सहयोग से इन संदिग्ध मोबाइल नंबरों एवं खातों की गहन जांच व सत्यापन की कार्रवाई की गई ।
जिसके आधार पर संबंधित लोगों एवं खातों के विरुद्ध अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है। साथ ही साइबर पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार कुछ मोबाइल नंबरों पर संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के प्रमाण मिले हैं । जिनकी जांच साइबर पुलिस की ओर से की जा रही है ।
इसी क्रम में गुरुवार को जिले के सभी बैंकों में जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान लोगों को वर्तमान में आधुनिक तरीकों से होने वाले साइबर अपराधों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई । जिसमें केवाईसी अपडेट के नाम पर फर्जी काल्स या लिंक भेजकर उपयोग कर्ताओं से उनके निजी और बैंकिंग डिटेल्स मांगना ।
ओटीपी फ्रॉड जिसमें काल या मैसेज के ज़रिए उपयोगकर्ताओं से ओटीपी लेकर उनके बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करना आदि के बारे में जानकारी दी गई। पुलिस अधिकारियों ने आमजन से अपील किया कि अनजान लोगों व अनजान फोन नंबर के संपर्क मे ना रहें। यदि अनजान लोगों की ओर से आपके बैंक खातों में किसी प्रकार के ट्रांजेक्शन किए जाते हैं तो तत्काल अपने बैंक, नजदीकी पुलिस स्टेशन, साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल कर तुरंत शिकायत दर्ज कराए।
बताते चलें कि कालूकुआं के रिटायर्ड शिक्षक को भी तीन दिन पहले साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट किया था। जिसमें उन्होंने खुद को सीबीआइ बताकर 36 लाख रुपये फर्जी खाते में मंगवा लिए थे। पुलिस अधिकारियों की सक्रियता से शिक्षक ठगी के शिकार होने से बचें हैं। एसपी पलाश बंसल के निर्देश पर साइबर क्राइम पुलिस आरोपितों की सुरागरसी कर रही है।

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