बुंदेलखंड में गेहूं खरीद अंतिम चरण में विभाग लक्ष्य से पीछे। 10 लाख 20 हजार क्विंटल के लक्ष्य के मुकाबले 679093 क्विंटल खरीद हुई। किसानों की कम आमद और 208 लाख रुपये का बकाया भुगतान चिंता का विषय है। विभाग ने 208 केंद्र स्थापित किए लेकिन लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल है। किसानों को भुगतान का इंतजार है।
जागरण संवाददाता, बांदा। बुंदेलखंड में गेहूं खरीद अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, लेकिन तय लक्ष्य के मुकाबले विभाग पिछड़ता नजर आ रहा है। खरीद के लिए अब सिर्फ पांच दिन शेष हैं। और, विभाग महज 66.58 प्रतिशत खरीद ही कर पाया है। लक्ष्य था 10 लाख 20 हजार क्विंटल, जबकि अब तक 6,79,093 क्विंटल गेहूं की ही खरीद हो पाई है।
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किसानों की उपज अधिकांशत: पहले ही बिक चुकी है, और पिछले करीब एक माह से खरीद केंद्रों पर किसानों की आमद नगण्य है। विभाग ने लक्ष्य की पूर्ति के लिए केंद्र प्रभारियों को गांव-गांव भेजा, और प्रतिदिन समीक्षा भी करवाई, लेकिन अब भी लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है।
मंडल के चारों जिलों में किसानों का गेहूं खरीदने के लिए कुल 208 केंद्र बनाए गए थे। इनमें बांदा में 67, चित्रकूट में 40, हमीरपुर में 53 और महोबा में 48। विभाग अब अंतिम पांच दिनों में एक-दो प्रतिशत अतिरिक्त खरीद की संभावना जता रहा है, लेकिन कुल लक्ष्य तक पहुंच पाना लगभग असंभव माना जा रहा है।
जिला- खरीद (क्विंटल में) - बकाया (लाख में)
बांदा - 1,22,764 - 32.20
चित्रकूट - 56,937 - 6.55
हमीरपुर - 3,10,843 - 65.01
महोबा - 1,88,548 - 8.09
भुगतान भी चिंता का विषय
मंडल के 12,247 किसानों ने अब तक केंद्रों पर गेहूं बेचा है। इनमें बांदा के 2,674, चित्रकूट के 1,626, हमीरपुर के 4,256 और महोबा के 3,691 किसान शामिल हैं। अब भी किसानों का 208 लाख रुपये का भुगतान रुका हुआ है। किसानों का कहना है कि उन्हें एक सप्ताह में भुगतान की उम्मीद थी, लेकिन अब करीब एक माह बीत चुका है।
सरकारी क्रय केंद्र में गेहूं बेचा था, लेकिन अब तक भुगतान नहीं आया। – रामशरण, पपरेंदा
विभाग अगर शुरुआत से ही गांव-गांव खरीद करता तो लक्ष्य के करीब पहुंच जाता। – धीरेंद्र कुमार, कालिंजर
विभाग पूरी तरह सक्रिय है। किसानों को सत्यापन आदि में छूट दी गई है। वह तीन गुणा गेहूं बेच सकता है। जो भी भुगतान शेष है, उसे एक सप्ताह के भीतर किसानों के खातों में भेज दिया जाएगा। - दिनेश शर्मा, संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी
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