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    Banda News: बुंदेलखंड पैकेज में साढ़े 17 करोड़ का घोटाला, जांच के बाद इन अधिकारियों पर दर्ज हुआ मुकदमा

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 03:10 AM (IST)

    बांदा में बुंदेलखंड पैकेज के निर्माण कार्यों में बड़ा घोटाला सामने आया है। जांच रिपोर्ट में ग्राम्य अवसंरचना केंद्रों और मंडी परिषद की परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितता पाई गई। सिंचाई कृषि सुधार पशुपालन सड़क निर्माण व पेयजल के कार्यों में प्रयुक्त स्टील मदों का भुगतान बिना ऑडिट के किया गया। इस मामले में करोड़ों रुपये की धांधली हुई है जिसके चलते कई अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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    बुंदेलखंड पैकेज में साढ़े 17 करोड़ का घोटाला। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, बांदा। बुंदेलखंड पैकेज के तहत कराए गए निर्माण कार्यों में बड़ा घोटाला सामने आया है। मंडी परिषद के उपनिदेशक निर्माण महेश कुमार की जांच रिपोर्ट में राजफाश हुआ कि ग्राम्य अवसंरचना केंद्रों और मंडी परिषद की परियोजनाओं में भारी वित्तीय अनियमितता की गई। रिपोर्ट के अनुसार सिंचाई, कृषि सुधार, पशुपालन, सड़क निर्माण व पेयजल के कार्यों में प्रयुक्त स्टील मदों का भुगतान बिना ऑडिट और आपत्तियों के निस्तारण किए बगैर कर दिया गया।

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    इसमें करोड़ों रुपये की धांधली हुई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन सेवानिवृत अधीक्षण अभियंता व पांच उपनिदेशकों के विरुद्ध शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मामला साढ़े 17 करोड़ से अधिक के गबन से जुड़ा पुराना प्रकरण बताया जा रहा है।

    जांच में यह भी सामने आया है कि परिषद की चार सदस्यीय समिति और लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के बावजूद अधिकारियों ने ठेकेदारों को 5.49 करोड़ से अधिक की राशि का अतिरिक्त भुगतान कर दिया। हालांकि निर्माण खण्ड, बांदा के कार्यालय से जुड़े जनपदों हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, महोबा से सम्बन्धित घोटाले की राशि 3.16 करोड़ आंकी गई है।

    विभागीय पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि यह भुगतान रोक के आदेश के बाद भी किया गया, जो सरकारी धन के गबन और दुरुपयोग की ओर संकेत करता है। शासन ने इस मामले को गंभीर वित्तीय अनियमितता मानते हुए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है।

    परिषद ने साफ कहा है कि संबंधित अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कराया जाए और पूरी राशि की वसूली सुनिश्चित की जाए। जिस पर देर रात शहर कोतवाली में सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता गोपाल शंकर, तत्कालीन उपनिदेशक निर्माण एसएनपी यादव, तत्कालीन उपनिदेशक निर्माण उरई हाकिम सिंह, तत्कालीन उपनिदेशक निर्माण केके गुप्ता, तत्कालीन उपनिदेशक निर्माण सुरेश चंद्र, उपनिदेशक निर्माण एनके गोयल पर मुकदमा दर्ज हुआ है।

    शासन स्तर से आदेश जारी किए गए हैं कि सभी जिलों में जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच कर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। इस राजफाश से एक बार फिर बुंदेलखंड पैकेज में धांधली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

    अब देखना होगा कि शासन दोषियों पर कब तक और कितनी कड़ी कार्रवाई करता है। एएसपी शिवराज ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच कराई जा रही है। जांच के तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।