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    यूपी के इस जिले में सील होने के अगले दिन ही खुल गया अवैध स्कूल, बीईओ ने कहा- कार्रवाई होगी

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 02:07 PM (IST)

    बांदा में अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध निजी स्कूल चल रहे हैं। डीएम के आदेश पर एक स्कूल सील हुआ पर अगले दिन ही खुल गया। ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई हुई पर संचालक ने अधिकारियों से मिलकर स्कूल फिर शुरू कर दिया। बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है और अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। बीईओ ने कहा कि आगे की कार्रवाई उच्च अधिकारी करेंगे।

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    अधिकारियों की सरपरस्ती पर चल रहा गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय, 12 सितंबर को किया गया था सील।

    जागरण संवाददाता, बांदा। अधिकारियों के सरपरस्ती में बिना मान्यता के अवैध तरीके से निजी स्कूल का संचालन नहीं रुक पा रहा है। मजे की बात है कि बीईओ के स्कूल सील करने की कार्रवाई के बाद भी गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित हो रहा है।

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    जब कार्रवाई के बाद भी जिम्मेदारों की लापरवाही का यह हाल है, तो जिले के अन्य गैर मान्यता के संचालित विद्यालयों का हाल होगा। महुआ ब्लाक के मनीपुर का जेएमजे इंग्लिश मीडिएम विद्यालय 12 सितंबर को डीएम के दखल के बाद सील किए जाने के बाद अगले दिन से ही संचालित किया जा रहा है।

    महुआ ब्लाक के मनीपुर गांव में कई वर्षाें से जेएमजे इंग्लिश मीडियम विद्यालय गैर मान्यता के संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने मानकों को बिना पूरा किए संचालन की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। संबंधित बीईओ ने स्कूल संचालन न होने की गलत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रेषित किया।

    जिसे दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके बाद डीएम के दखल पर 12 सितंबर को बीईओ महुआ विनोद कुमार पटेरिया जांच करने पहुंचे। जिसमें मनीपुर गांव के एक से आठवीं तक बिना मान्यता के संचालित जेएमजे इंग्लिश मीडिएम स्कूल में पंजीकृत 57 बच्चों में से 40 बच्चे अध्ययनरत मिले।

    संचालक राहुल सिंह उर्फ रणधीर सिंह समेत आधा दर्जन शिक्षक-शिक्षिकाएं शिक्षण में कार्यरत मिलीं। ग्राम प्रधान पति शंकरलाल की मौजूदगी में मनीपुर कंपोजिट विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य नफीस अहमद के समक्ष भवन स्वामी को बुलाकर विद्यालय में ताला लगवाकर सील करने की कार्रवाई की गई।

    विद्यालय के गेट में नोटिस भी चस्पा की गई। जिसमें बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2011 का पालन न करने पर कार्रवाई का हवाला देते हुए बताया कि संचालक पर एक लाख रुपये का जुर्माना किया जाता है। यदि भविष्य में विद्यालय संचालित किया गया तो प्रतिदिन 10 हजार रुपये के जुर्माने लगाने के साथ प्राविधिक कार्रवाई की जाएगी।

    इसके बाद संचालक ने अधिकारियों से साठगांठ कर अगले दिन से ही सील किए गए भवन के गेट के बगल वाले छोटे दरवाजे को खोलकर स्कूल का संचालन शुरू कर दिया। ऐसे में गैर मान्यता के संचालित हो रहे स्कूल में हुई कार्रवाई के अनुसार संचालक के साथ भवन स्वामी पर भी करीब ढाई लाख रुपये जुर्माना बनता है।

    जब ग्रामीणों के प्रयासों से सील होने के बाद भी स्कूल के संचालन पर रोक नहीं लग पा रही है, तो जिले के अन्य गैर मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों का क्या हाल होगा। जिले में कितना बाल शिक्षा अधिकार-2011 का पालन हो रहा है। फिलहाल अधिकारियों की सरपरस्ती पर संचालित हो रहे स्कूल पर कार्रवाई की कोई उम्मीद नहीं है।

    मैंने अपने स्तर से कार्रवाई कर दी है, अब भी यदि संचालन हो रहा है तो बीएसए स्तर से कार्रवाई होगी। इस बारे में कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारी ही सक्षम हैं।

    विनोद कुमार पटेरिया, बीईओ, महुआ