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    UP News: 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का होगा नजदीकी स्कूल में विलय, शिक्षक संघ कर रहा विरोध

    बांदा में बेसिक शिक्षा विभाग 50 से कम छात्र संख्या वाले 1155 परिषदीय विद्यालयों का विलय करेगा जिससे शिक्षक-छात्र अनुपात सुधरेगा। मंडल में 648 विद्यालय पेयरिंग के लिए चिन्हित किए गए हैं। शिक्षक संघ इस विलय का विरोध कर रहा है क्योंकि उनका मानना है कि इससे बालिकाओं की सुरक्षा प्रभावित होगी और शिक्षक भर्तियां कम होंगी।

    By vimal pandey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 22 Jun 2025 03:30 PM (IST)
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    50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का होगा नजदीकी स्कूल में विलय, शिक्षक संघ कर रहा विरोध

    जागरण संवाददाता, बांदा। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित मंडल में 1155 परिषदीय विद्यालयों में 50 से कम छात्र संख्या होने के चलते इन्हें पास के परिषदीय विद्यालय में विलय किया जाना है। इनके विलय होने से उन विद्यालयों को लाभ मिल सकेगा, जहां पर शिक्षक-छात्र का मानक पूरा नहीं हो रहा है।

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    कहीं कम छात्र संख्या पर अधिक शिक्षकों की तैनाती है, तो कहीं अधिक छात्र संख्या होने के बाद भी शिक्षकों की कमी है। मंडल में 50 से कम संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों में प्राथमिक के 944, उच्च प्राथमिक के 201 व कंपोजिट के 10 विद्यालय हैं। अब इन विद्यालयों के बच्चों को निकट के दूसरे विद्यालय में भेजा जाएगा।

    मंडल में 4788 परिषदीय स्कूल हैं। इसमें बांदा में 1725, चित्रकूट में 1256, हमीरपुर में 967 व महोबा में 840 विद्यालय शामिल हैं। सत्र 2025-26 में इस समय 4,13,674 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से 50 से कम छात्र संख्या वाले 1155 परिषदीय विद्यालय हैं, इनमें प्राथमिक के 944, उच्च प्राथमिक के 201 व कंपोजिट के 10 विद्यालय हैं। बांदा में 370, चित्रकूट में 259, हमीरपुर में 256 व महोबा में 327 स्कूल शामिल हैं।

    अब इन स्कूलों के बच्चों को पास के परिषदीय विद्यालय में विलय किया जाएगा। इससे शिक्षक-छात्र का अनुपात पूरा होगा। महानिदेशक स्कूली शिक्षा के शासनादेश के मुताबिक ऐसे में इन स्कूलों को पास के स्कूल में विलय कर शिक्षक व छात्र अनुपात को बनाया जाएगा। हालांकि बीते वर्ष सरकार ने 100 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के विलय के लिए शासनादेश जारी किया था। लेकिन विलय नहीं किया गया था। शासन ने इस बार 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के विलय पर विचार कर रही है।

    मंडल में पेयरिंग के लिए 648 विद्यालय चिन्हित

    मंडल के 1155 विद्यालयों में 50 से कम बच्चों वाले विद्यालयों की सूची तैयार करा ली गई है। लेकिन उसके बाद पास में विलय करने के लिए नजदीक परिषदीय स्कूल होना भी आवश्यक हैं। मंडल के 648 ऐसे परिषदीय स्कूल भी मिल गए हैं, जिनमें पेयरिंग कर विलय किया जा सकता है। इनमें बांदा में 37, चित्रकूट में 292, हमीरपुर में 89 व महोबा में 230 विद्यालय शामिल हैं। जल्द ही इसकी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। बताया कि विद्यालयों का विलय करते समय बच्चों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। इनमें ऐसे विद्यालयों का विलय दूसरे में नहीं किया जाएगा, जिनकी दूरी अधिक हो।

    शिक्षक संघ कर रहा विलय का विरोध

    परिषदीय विद्यालयों के 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को पास के विद्यालय में विलय किए जाना का शिक्षक संघ विरोध कर रहा है। संगठन के पदाधिकारियों का मानना है कि 50 से कम विद्यालय को विलय करने के लिए यदि दो किलोमीटर दूर दूसरा विद्यालय है ताे वहां पर विलय करने का कोई औचित्य नहीं है। यह नियम एक किलोमीटर में प्राथमिक व तीन किलोमीटर में उच्च प्राथमिक विद्यालय होने का उल्लंघन होगा। इसके अलावा यदि इन बच्चों को खास कर बालिकाओं को यदि दो से तीन किलोमीटर दूर विलय वाले स्कूल में जाना पड़े तो वह बालिका सुरक्षा के लिए सही नहीं है। इसके अलावा उनका कहना है कि इससे शिक्षक भर्तियां भी प्रभावित होगें। जब स्कूल खत्म कर दिए जाएंगे तो कम शिक्षकों की भी आवश्यकता होगी। ऐसे में संगठन विलय का विरोध करेगा।

    विद्यालयों के विलय में मानक नहीं है। विलय करने पर एक विद्यालय के छात्रों को एक किलोमीटर से ज्यादा भी जाना पड़ सकता है। जो बालिकाओं की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। इससे शिक्षक भर्ती भी प्रभावित होगीं। आशुतोष त्रिपाठी, मांडलिक मंत्री, चित्रकूट धाम मंडल, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ

    50 से कम परिषदीय विद्यालयों के पास के विद्यालयों में विलय करने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें ऐसे स्कूलों को चिन्हित किया जा रहा है। इस संबंध में सभी बीएसए को निर्देश दिए गए हैं।

    प्रेम प्रकाश मौर्या, प्रभारी सहायक शिक्षा निदेशक, बेसिक शिक्षा