Usha Bhargav Suicide: बांदा में एमबीबीएस छात्रा ऊषा भार्गव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने, कैसे हुई मौत?
Banda Usha Bhargav Suicide case राजस्थान के चुरू के रतनगढ़ निवासी प्रभुराम भार्गव की बेटी ऊषा भार्गव (23) ने बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के छा ...और पढ़ें

बांदा, जागरण संवाददाता। रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्रा के खुदकुशी करने का राज उसका मोबाइल खोलेगा। दो डॉक्टरों के पैनल ने वीडियो फोटोग्राफी के बीच गुरुवार को पोस्टमार्टम किया। इसमें मौत की वजह हैंगिंग आई है। शरीर में किसी प्रकार का कोई अन्य जख्म नहीं मिला है। इधर, पुलिस ने छात्रा का मोबाइल कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है, कयास है कि कॉल डिटेल से कुछ सुराग मिल सकता है। हालांकि, छात्रा की मौत को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
हॉस्टल में फंदा लगाकर दी जान
राजस्थान के जिला चुरू के रतनगढ़ निवासी प्रभुराम भार्गव की बेटी ऊषा भार्गव (23) ने बुधवार दोपहर मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में अपने दुपट्टे से पंखे के सहारे फंदा लगाकर जान दे दी थी। घटना के बाद छात्रावास में रहने वाली अन्य छात्राओं में दहशत फैल गई थी। एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्र ने जांच की पर खुदकुशी के कारण का पता नहीं चल सका था। कमरे में कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला।
पहले हाथ की नस काटने का किया था प्रयास
कमरे में टूटा कांच देख जांच किए जाने पर पता चला कि उसने पहले हाथ की नस काटने का प्रयास किया। इसके बाद यह अनुमान लगाया गया कि वजह गंभीर थी, जिसके चलते छात्रा ने जान देने का पक्का इरादा कर लिया था। गुरुवार को डॉ. सुनील और डॉ. हृदयेश पटेल के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम किया। सूचना पर पहुंचे पिता व अन्य स्वजन भी कोई वजह नहीं बता सके। पुलिस को उम्मीद है कि छात्रा को मोबाइल ही वह राज खोल सकता है कि उसने आत्मघाती कदम क्यों उठाया है। नगर कोतवाल मनोज शुक्ला ने बताया कि छात्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल और मैसेज आदि की जांच की जाएगी।
आखिरी बार मां से हंसते हुए की बात
ऊषा पढ़ने में तेज थी, उसे पैसे की भी कोई दिक्कत नहीं थी। स्वजन के मुताबिक, खर्च आदि के लिए पर्याप्त धनराशि भेजी जा रही थी। दूसरी भी कोई परेशानी नहीं थी। बुधवार को क्लास नहीं जाने वाली छात्रा कमरे में ही रही और उसने अपनी मां सरोज से मोबाइल फोन पर बातचीत की। बातचीत के दौरान वह बराबर हंसती रही। मां से सिर्फ इतना ही कहा कि उसे भूख नहीं लग रही है। इसके अलावा छात्रा ने ऐसी कोई बात नहीं कही, जिससे किसी भी प्रकार का शक हो। सुबह मां से रोज की तरह बात करने के बाद दोपहर को खुदकुशी करने की बात स्वजन को हजम नहीं हो रही है।
एक माह पहले मेडिकल कालेज आई थी ऊषा
ऊषा जुलाई में अपने घर से मेडिकल कालेज वापस आई थी। तकरीबन एक महीने तक वह रतनगढ़ में रही। पिता ने बताया कि इस दौरान वह हम लोगों के साथ कई स्थानों पर भ्रमण करने के साथ हंसी-खुशी समय व्यतीत किया था। एक माह पूर्व पिता प्रभुराम ने कॉलेज जाने के लिए दिल्ली से ट्रेन में बैठाया था।
आत्महत्या से स्तब्ध हैं स्वजन
छात्रा ऊषा की खुदकुशी के बारे में कुछ पूछने पर स्वजन बस फफक कर रो पड़ते थे। मां सरोज या पिता से कुछ भी पूछने पर फफक पड़ते और आसमान की ओर ताकने लगते, मानों ऊपर वाले से पूछ रहे हों कि आखिर इतना बड़ा पहाड़ उन पर क्यों टूटा। पिता ने बताया कि ऊषा दो बहनों में बड़ी थी। छोटी बहन पूनम कक्षा नौ में पढ़ती है। उसका बड़ा भाई देवेंद्र भार्गव डिप्लोमा मेडिकल लैब टेक्नीशियन की गीतांजलि मेडिकल कालेज जयपुर से तैयारी कर रहा है।
छात्रा की मौत से सहेलियां फफक पड़ीं, कई हुईं बेहोश
ऊषा मिलनसार थी, हॉस्टल में रहने के दौरान उसकी अपनी सहेलियों से अच्छी बनती थी। ज्यादातर सभी सहेलियां साथ में नाश्ता और खाना खाती थीं। अचानक हुई इस घटना ने छात्रावास की सभी एमबीबीएस छात्राओं को गमजदा कर दिया है। गुरुवार को पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद कई छात्राएं फफक कर रो पड़ीं। एक-दो छात्राएं तो बेहोश हो गईं, जिन्हें किसी तरह संभाला गया। सहेली रंजना भी राजस्थान की रहने वाली है, वह ऊषा की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है, बार-बार बेहोश हो रही थी। कुछ छात्राएं डिप्रेशन में बताई जा रही हैं। उनका मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में इलाज भी कराया गया है।
डीएम ने गठित की जांच टीम
मेडिकल कालेज छात्रावास में एमबीबीएस छात्रा ऊषा भार्गव की खुदकुशी के बाद कॉलेज प्राचार्य डा. एसके कौशल ने डीएम को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने की मांग की थी। इस पर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने तीन सदस्यीय टीम गठित की थी। इस टीम में एडीएम न्यायिक अमिताभ यादव के अलावा डॉ. रजनी भारती और डॉ. मुकेश बंसल शामिल हैं। जांच टीम से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी गई थी। एडीएम ने बताया कि जांच पूरी हो गई है, इसकी रिपोर्ट डीएम को दी जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।