बांदा में नाबालिग से कुकर्म करने की कोशिश करने वाले दोषी को 5 साल की कैद, पांच साल बाद आया फैसला
बांदा की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़के के साथ कुकर्म करने की कोशिश करने वाले दोषी को पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर जुर्माना भी लगाया गया है, जिसकी राशि पीड़ित को दी जाएगी। यह घटना 31 अक्टूबर 2020 को हुई थी, और अदालत ने छह गवाहों के बयानों के आधार पर यह फैसला सुनाया।

जागरण संवाददाता, बांदा। बालक के साथ कुकर्म का प्रयास करने व उसके शारीरिक को दांत से काटकर जख्मी करने के दोषी को विशेष न्यायाधीश पास्को प्रदीप कुमार मिश्रा की अदालत ने पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अन्य धाराओं में सजा सहित 5000 रुपये का अर्थदंड जुर्माने के तौर पर लगाया है।
अर्थदंड की अदायगी न करने पर दोषी को दो माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी। अर्थदंड की संपूर्ण धनराशि पीडित को अदा की जाएगी। दोषी को सजायावी वारंट बनाकर जेल भेज दिया गया। घटना के चार साल 25 दिन में फैसला आया। जिसमें छह गवाह पेश किए गए हैं।
मरका थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 12 वर्षीय बालक के पिता ने एक जनवरी 2021 को पुलिस को तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि 31 अक्टूबर 2020 की दोपहर एक बजे उनका 12 वर्षीय पुत्र अपनी गाय चराने के लिए जंगल गया था।
तभी पडोसी 18 वर्षीय छोटू उर्फ विजय वर्मा पुत्र बच्छराज ने उसके पुत्र के शरीर के विभिन्न अंगों में दांत से काट लिया और उसके पुत्र के साथ कुकर्म करने का प्रयास करने लगा। जिसमें उनका पुत्र किसी तरह से खुद को आरोपित से छुड़ाकर मौके से भाग निकला।
दो माह बाद उसके पुत्र ने एक जनवरी 2021 को नहाने के लिए अपने कपडे उतारे तब उन्होंने अपने पुत्र से जख्मों के बारे में पूछा। इसमें पीड़ित पुत्र ने उनसे अपनी आपबीती बताई है। विशेष लोक अभियोजक रामसुफल सिंह गौर ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद विवेचक ने मामले का आरोप पत्र अदालत में पेश कि या।
अदालत ने दोषी के विरुद्ध पांच जुलाई 2022 को आरोपपत्र बनाया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से छह गवाह पेश किए गए। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने व दोनो पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अपने 18 पृष्ठीय फैसले में छोटू उर्फ विजय को दोषी मानते हुए सजा व जुर्माने से दंडित किया।

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