पशु नस्ल सुधार को अब गांवों में होगी मैत्री की स्थापना
जागरण संवाददाता बांदा जनपद में अब अन्ना प्रथा पर अंकुश लगेगा और उन्नत नस्ल के पशुओं से ग्रा

जागरण संवाददाता, बांदा : जनपद में अब अन्ना प्रथा पर अंकुश लगेगा और उन्नत नस्ल के पशुओं से ग्रामीणों की आय बढ़ेगी। राष्ट्रीय गोकुल मिशन में 35 जिलों में चित्रकूटधाम मंडल से बांदा का चयन हुआ है। यहां जनपद में 32 मैत्री का चयन किया जाएगा। मैत्री का कार्य कृत्रिम गर्भाधान कराना होगा। जिला स्तरीय चयन समिति मैत्री का चयन करेगी।
बुंदेलखंड में अन्ना कुप्रथा सबसे बड़ी समस्या है। इससे निपटने के लिए सरकार से पिछले डेढ़ दशक लगातार प्रयास हो रहे हैं, लेकिन कोई खास अंतर नहीं आ रहा है। खेती-किसानी में आधुनिक यंत्रों के आगे गोवंशों की महत्ता खत्म हो गई और देसी नस्ल के गोवंश मारे-मारे घूम रहे हैं। शासन ने अन्ना कुप्रथा खत्म करने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की गई है। योजना में प्रदेश के 35 जिलों का चयन किया गया है। चित्रकूटधाम मंडल से बांदा भी इसमें शामिल है। मिशन के तहत गांवों में मैत्री की (मल्टीपर्पज आल टेक्नीशियन इन रूरल इंडिया) स्थापना की जाएगी। जिला स्तरीय चयन समिति जनपद में 32 मैत्री का चयन किया जाएगा। इसमें गांव के ही शिक्षित युवाओं को शामिल किया जाएगा। जिले में आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत सामान्य वर्ग के 28 व अनुसूचित जाति के चार युवाओं का चयन किया जाएगा। विभाग की तरफ से इन्हें 56 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा इन्हें गर्भाधान के लिए कंटेनर व उपकरण आदि दिए जाएंगे। गोकुल मिशन योजना से मैत्री को प्रति गर्भाधान 50 रुपये कमीशन मिलेगा। साथ ही बच्चा पैदा होने के बाद 100 रुपये प्रति जानवर मिलेंगे। फिलहाल यह योजना 31 मई तक के लिए है।
----------
-मैत्री के चयन से जिले में कृत्रिम गर्भाधान होने से पशुओं में नस्ल सुधार तेजी से होगा। चयन के बाद मैत्री एक स्वरोजगारी के रूप में कार्य करेंगे।
-डॉ.राजीव धीर, जिला मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, बांदा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।