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    बंधक बनाकर मुंह में कपड़ा ठूंस बालिका के साथ दुष्कर्म में दोषी को 20 साल की सजा, ढाई वर्ष बाद मिला न्याय

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 04:26 PM (IST)

    11 वर्षीय बालिका के मुंह में बेरहमी से कपड़ा ठूंसने के साथ पैर व हाथ बांधकर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी युवक को विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रदीप कुमा ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बांदा। 11 वर्षीय बालिका के मुंह में बेरहमी से कपड़ा ठूंसने के साथ पैर व हाथ बांधकर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी युवक को विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रदीप कुमार मिश्रा की अदालत ने सोमवार को 20 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 5000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

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    अर्थदंड की अदायगी न करने पर तीन माह अतिरिक्त की दोषी को सजा भुगतनी होगी। अर्थदंड की समस्त धनराशि पीड़िता को छतिपूर्ति के रूप में अदा की जाएगी। दो वर्ष सात माह बाद 22 पृष्ठीय फैसला आने से पीड़िता को न्याय मिला है। मामले में विशेष लोक अभियोजन ने नौ गवाह पेश किए हैं।

    बबेरू कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि 13 मई 2023 की सुबह 11 बजे उसकी 11 वर्षीय पुत्री शौच के लिए खेत की तरफ गयी थी।

    वहीं पर गांव का युवक हुकुमचंद्र निषाद पुत्र मोहन निषाद ने उसे पकड़कर मुंह में रुमाल ठूंस दिया और बड़ी बेरहमी से अपनी साफी से उसके हाथ-पैर बांधकर दुष्कर्म किया है। घटना के बाद वह गिरते पड़ते घर आई और अपनी आप बीती बताई।

    वह अपनी पुत्री की हालत देखकर उसे सीएचसी बबेरू ले गए। जहां से डाक्टर ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया। जहां भर्ती कराने के बाद वह आरोपित हुकुमचंद्र निषाद के घर गया तो वह घर पर नहीं मिला। इसके बाद वह कोतवाली में लिखित तहरीर देने आया है।

    पुलिस ने घटना के दिन ही मुकदमा पंजीकृत किया। तत्कालीन विवेचक एसआइ पंकज कुमार सिंह ने आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। विशेष लोक अभियोजक शिवपूजन सिंह पटेल ने बताया कि नौ अगस्त 2023 को दोषी के विरुद्व आरोप बनाया ।

    पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों व डाक्टरों के मेडिकल परीक्षणों एवं बयान के आधार पर और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अपने 22 पृष्ठीय फैसले में दोषी हुकुमचंद्र निषाद को किशोरी के दुष्कर्म में दोषी पाते हुए सजा व जुर्माने से दंडित किया।