कड़ी मेहनत से आईएएस बना किसान का बेटा
जागरण संवाददाता, बांदा/बबेरू : राह भले ही दुर्गम हो लेकिन सच्ची लगन और मेहनत से मंजिल को हासिल किया
जागरण संवाददाता, बांदा/बबेरू : राह भले ही दुर्गम हो लेकिन सच्ची लगन और मेहनत से मंजिल को हासिल किया जा सकता है। ऐसा ही कर दिखाया किसान के बेटे वरुण ने। जिन्होंने अपने परिश्रम से आईएएस बनने का सपना पूरा किया है। उनकी इस सफलता से परिवार ही नहीं बल्कि बबेरू कस्बा व क्षेत्र के लोग खुशी से गदगद हैं। बबेरू निवासी सत्येंद्र यादव का बेटे वरुण ने शुरुआती शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर से प्राप्त की। आठवीं तक उसी विद्यालय में अध्ययनरत रहे। इसके बाद श्रीजेपी शर्मा इंटर कालेज से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा पूरी करने के बाद इलाहाबाद विश्विवद्यालय से स्नातक, परास्नातक व पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। साथ ही बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से बीएड भी किया। 2011 में प्रशासनिक सेवा के लिए साक्षात्कार में शामिल हुए। चयन नहीं हो पाया। लेकिन हौसला कायम रहा और तबसे बराबर आईएएस की परीक्षा देते रहे। हालांकि 2011 में ही बैंक पीओ और सीपीएफ कमांडेट पद पर उनका चयन हुआ लेकिन ज्वाइन नहीं किया। दिल्ली पीजीटी में इस साल उनका चयन हुआ। मुख्य परीक्षा में इतिहास को रखकर ¨हदी मीडियम से तैयारी की। आखिर उनकी मेहनत व लगन रंग लाई और उनका चयन आईएएस 2016 में हो गया। 767 रैंक मिली। वरुण की इस सफलता से परिवार ही नहीं बल्कि कस्बा व क्षेत्र के लोग खुशी से गदगद हैं। वरुण तीन भाई व एक बहन में सबसे बड़े हैं। उनकी पत्नी इंदु यादव बबेरू के प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात हैं। भाई विवेक शिक्षक हैं। बहन आरती व दूसरा भाई विकास दोनो आईएएस की तैयारी कर रहे हैं।
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