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    बांदा में एक साल में 1480 लोगों से साढ़े तीन करोड़ की ठगी, ज्यादातर केसेस में अपनाया ये तरीका

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 02:50 PM (IST)

    बांदा में साइबर अपराधियों का जाल बढ़ता जा रहा है, जिन्होंने इस साल 1480 लोगों से 3.6 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की। साइबर सेल ने सक्रियता दिखाते हुए 9 ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बांदा। साइबर अपराधियों का जाल फैलता जा रहा है। इस पूरे साल में अभी तक साइबर अपराधियों ने आनलाइन 1480 लोगों को अपना शिकार बनाया है। जिसमें 36173578 रुपये की ठगी की घटना की।

    लेकिन साइबर सेल टीम ने सक्रियता दिखाते हुए 9563822 रुपये पीड़ितों को वापस कराए हैं। साथ ही साइबर ठगी के 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पुलिस साइबर अपराधियों के चंगुल से बचने के लिए लोगों को जागरूक करने के प्रयास में जुटी है।

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    गैर जनपदों के साइबर अपराधियों की तरह जिले के आरोपित भी सक्रिय रहे हैं। जिसमें तिंदवारा गांव, अतर्रा व शहर आदि के आरोपित भी शामिल हैं। यह क्षेत्र भी साइबर अपराधियों गढ़ रहा है।

    साइबर अपराधी कभी रातों-रात लखपति व करोड़पति बनाने का झांसा दे रहे हैं तो कभी डिजिटल अरेस्ट का खेल-खेल कर लोगों को भयभीत कर रहे हैं। आनलाइन खरीदी का प्रलोभन भी दे रहे हैं। लालच में पड़कर लोग साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसकर लुट रहे हैं।

    यही वजह है कि ठगी का शिकार होने वालों की संख्या भी जिले में इस साल कम नहीं रही। 1.01.2025 से 19.12.2025 के बीच साइबर ठगों ने साढ़े 14 सौ से ज्यादा लोगों को अपना निशाना बनाया है।

    यह गनीमत रही कि ठगी का शिकार हुए लोगों ने जागरूकता के चलते बाद में साइबर थाना व सेल का सहारा लिया।

    जिससे पुलिस ने मशक्कत कर पीड़ितों की धनराशि वापस कराने में सफलता हासिल की है। हालांकि अभी भी 26609756 रुपये पीड़ितों के वापस होना शेष बचें हैं। साइबर टीम शेष धनराशि वापस कराने के प्रयास में जुटी है।

    केस एक - शहर के कालूकुआं मुहल्ला के रिटायर्ड शिक्षक को साइबर अपराधियों ने सीबीआई का बताकर एक माह पहले डिजिटल अरेस्ट कर लिया था। जिसमें रिटायर्ड शिक्षक को डरा कर 36 लाख रुपये ऐंठ लिए थे। साइबर थाने की टीम ने सक्रियता दिखाकर पूरे रुपये वापस कराए थे।

    केस दो - जवाहर नगर के भगत सिंह ने साइबर थाने में तीन दिन पहले सूचना दी थी कि उनके दोस्त वरूण अग्रवाल निवासी कानपुर नगर बालाजी ट्रेडर्स के प्रोपराइटर हैं। उनके जीएसटी के फर्जी कागजात बनाकर तिंदवारा गांव के अनिल व चंद्रकिशोर लोगों को आनलाइन सामान बेचने का प्रलोभन देकर ठगी कर रहे हैं। पुलिस ने तिंदवारा गांव के दोनों आरोपितों को दो दिन पहले बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

    साइबर क्राइम थाने की टीम ठगी की शिकायत मिलते ही सक्रियता दिखाते हुए पीड़ितों की मदद कर रही है। साथ ही स्कूलों, गांवों में चौपाल लगाकर लोगों को साइबर अपराध से बचने की जानकारी दे रहे हैं। ताकि लोग जागरूक रहकर साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकें।
    पलाश बंसल एसपी

    बचाव के लिए इन बातों का रखें ख्याल-

    • किसी भी अनजान से ओटीपी साझा न करें।
    • पिन नंबर की जानकारी किसी को न दें।
    • संदिग्ध काल-मैसेज से सतर्क रहें।
    • ऑनलाइन लिंक को क्लिक करने से बचेंअपने बैंक खाते से संबंधित जानकारी फोन पर किसी से साझा न करें।
    • किसी प्रलोभन में न पड़ें।