हथियार जर्जर बंदूक खाली, लाठी से जंगल की रखवाली
कॉपीराइटिग डेस्क के ध्यानार्थ चित्र परिचय 14बीएलएम 014 सब हेड
सादुल्लाहनगर (बलरामपुर) : जिले के रेहराबाजार वन क्षेत्र में स्थित अमघटी जंगल की सुरक्षा भगवान भरोसे है। वजह 80 वर्ग किलोमीटर में फैले जंगल की रखवाली के लिए वन कर्मियों के पास बंदूकें नहीं हैं। पुरानी राइफलें कारतूस के अभाव में जंग खा रही है। गिनती के ही वनरक्षक हैं, जो लाठी के सहारे जंगल व वन्यजीवों की सुरक्षा में लगे हैं। ऐसे में जंगली जानवर उनके लिए भी अनहोनी का सबब बन सकते हैं। इतना सब होने के बाद वन अधिकारी कमियों को दूर करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। सात के बजाय चार गार्ड की है तैनाती
-वन रेंज क्षेत्र के अमघटी जंगल में पेड़ों की कटान व वन्यजीवों की सुरक्षा करने के लिए कर्मियों का अभाव है। सात फॉरेस्ट गार्ड के सापेक्ष चार की तैनाती है। बेशकीमती पेड़ों की सुरक्षा में लगे कर्मियों को हमेशा अनहोनी का डर सताता है। बंदूक व रायफल जर्जर
जंगल की सुरक्षा के लिए चार बंदूक व एक रायफल मुहैया कराई गई थी। जिसमें जंगलग चुका है। ट्रेगर या खटका भी नहीं दब पा रहे हैं। बेशकीमती इमारती लकड़ी की रखवाली व जंगली जानवरों से जान जोखिम में डालकर सुरक्षा का बीड़ा वन कर्मी उठा रहे हैं। डेढ़ वर्ष से कारतूस भी मुहैया नहीं हो सकी है। शस्त्र निष्प्रयोज्य होने से लाठी के सहारे जंगल की सुरक्षा करना आसान नहीं है। जिम्मेदार के बोल
-रेंजर सुशील कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक शस्त्र ठीक नहीं कराया जा सका है। जिससे सुरक्षा में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। बावजूद इसके जंगल की रखवाली का प्रयास किया जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।