यूपी के गांवों में बनने वाले हैं नए पंचायत भवन, सात निर्माणाधीन; 24 जर्जर भवनों की बदलेगी सूरत
बलरामपुर में पंचायत भवन निर्माण में अनियमितता सामने आई है। 793 में से केवल 762 गांवों में ही पंचायत भवन बने हैं जबकि 24 जर्जर हैं। पंचायत सहायकों को संसाधन न मिलने से बने हुए भवनों में भी ताला लगा रहता है जिससे ग्रामीणों को परेशानी होती है। जर्जर भवनों के नवीनीकरण का प्रस्ताव है पर कार्य लंबित है।
त्रिपुरारी शंकर तिवारी, बलरामपुर। गांवों में पंचायत भवन बनाने की मंसा पर अधिकारी पानी फेर रहे हैं। 793 गांवों में से 762 में ही पंचायत भवन बने हैं। सात गांवों में निर्माण चल रहा है। 24 गांवों में पहले से बने पंचायत भवन जर्जर हैं। इनके स्थान पर नए भवन बनाने की कार्य योजना तैयार की गई है, लेकिन अभी अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है।
जिन गांवों में पंचायत भवन बने हैं। उनका ताला नहीं खुलता है। इसके पीछे कारण पंचायत सहायकों को संसाधन न मिलना बताया जा रहा है। बताते हैं कि ग्रामीणों को आनलाइन सुविधा देने के लिए पंचायत सहायकों की तैनाती कर उनके लिए कंप्यूटर की खरीद की गई। ग्राम पंचायत के नाम खरीदा गया कंप्यूटर सचिव अपने प्रयोग में ले रहे हैं। इससे पंचायत भवन नियमित नहीं खुलता है।
ग्रामीणों को खतौनी, आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र समेत अन्य कार्यों के लिए विकास खंड या तहसील मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। ग्रामीणों ने इसको लेकर कई बार शिकायतें भी की, लेकिन कोई कार्रवाई न होने से सुधार नहीं हो सका।
पंचायत भवन के निर्माण पर 17 लाख 40 हजार रुपये व्यय किया जाएगा। सात विकास खंडों में 24 पंचायत भवन जर्जर चिह्नित किए गए हैं। इसमें बलरामपुर, गैंसड़ी, उतरौला में एक-एक, हरैया सतघरवा में नौ, पचपेड़वा में 10, तुलसीपुर में दो पंचायत भी जर्जर हैं। इनको गिराने के बाद नए भवनों का निर्माण किया जाएगा।
इसी तरह गैंड़ासबुजुर्ग, गैंसड़ी, पचपेड़वा, रेहरा बाजार, तुलसीपुर में एक-एक व हरैया सतघरवा में दो भवन निर्माणाधीन हैं। कुल सात गांवाें में पंचायत भवनों का निर्माण चल रहा है। इन भवनों में से किसी में प्लास्टर, फर्श, रंगाई तो किसी में दीवार व छत स्तर तक का काम हुआ है। इन सभी सातों पंचायत भवनों का निर्माण अप्रैल 2025 में ही पूरा होना था, लेकिन अब तक अधूरे हैं।
निर्माणाधीन भवनों को पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। जर्जर 24 भवनों के निर्माण प्रस्तावित है। शीघ्र ही काम शुरू कराया जाएगा। - श्रेया उपाध्याय, जिला पंचायत राज अधिकारी
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