जंगल में बसा गांव इसलिए नाम पड़ा देवरिया जंगली
बलरामपुर : देवरिया जंगली ग्राम पंचायत भले विकास कार्यों में पिछड़ा क्यों न हो, लेकिन इस गांव ...और पढ़ें

बलरामपुर : देवरिया जंगली ग्राम पंचायत भले विकास कार्यों में पिछड़ा क्यों न हो, लेकिन इस गांव के लोगों की अपनी अलग पहचान है। बुजुर्ग बताते हैं कि यह ग्राम पंचायत साखू के जंगलों के बीच में बसा था। इसलिए इसका नाम देवरिया जंगली पड़ गया। गांव में कुल 11 मजरे हैं। 2154 मतदाता है।
इन पर है नाज : इस गांव के रफीउल्ला खां उपजिलाधिकारी रहकर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। गांव के रियाजुद्दीन खां, नसीमा खातून प्रोफेसर है, तो बशीर अहमद खां, नियामतुल्लाह खां, मुहम्मद अकराम खां, वारिस अली खां प्रवक्ता हैं। शमसुद्दीन खां, जहूरुल हसन खां, तौसीफ अहमद खां, खालिद असलम खां, अख्तर हुसैन खां, जमालुद्दीन खां, इम्तियाज हुसैन खां, मुहम्मद मुबीन खां, मुजीब अहमद खां विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में तैनात हैं। शमीम खां, आरिफ खां, महमूद रजा खां, फिरोज खां इंजीनियर हैं। जिया हसन खां, आरिफ खां, अतहर जमाल, अनवर जमाल बैंकों में शाखा प्रबंधक हैं। यह है खूबी :
गांव में पढ़ाई पर जोर दिया जाता है। गांव के नौकरी करने वाले या अन्य सेवाओं में लगे लोग नौजवानों को पढ़ाई कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। गांव में गन्ने की खेती मुख्य है। गांव में एक निजी महाविद्यालय, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय व एक प्राथमिक विद्यालय है।
यह हो तो बने बात :
- गांव में नाली, खड़ंजा, पक्के मुख्य मार्ग, एक प्राथमिक विद्यालय, एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की आवश्यकता है। गांव के मजरों में विद्युतीकरण की आवश्यकता है। -गांव में विकास कार्य नहीं हो रहा है। सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। विकास कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता है। तौकीर उर्फ छब्बू शाह, पूर्व प्रधान
-गांव में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालयों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। योजनाओं का लाभ पात्रों को दिया जा रहा है। मोहम्मद एहसान खां, ग्राम प्रधान
गांव का सरकार के मंशानुरूप विकास नहीं हो रहा है। विकास कार्यों में तेजी लाने की जरूरत है। गांव में तकनीकी शिक्षण संस्थान खुल जाए तो युवाओं को बेहतर शिक्षा मिल सकती है। -तौसीफ खां, ग्रामीण -गांव के शैक्षिक स्तर को देखते हुए गांव को विशेष महत्व देकर विकसित किया जाना चाहिए। साथ ही पात्रों को सरकारी योजनाओं को लाभ मिलना चाहिए। अकराम खां, ग्रामीण

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