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    एआरटीओ कार्यालय में बिचौलियों की चांदी, लुट रहे फरियादी

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 15 Feb 2021 10:26 PM (IST)

    लाइसेंस बनवाने को करनी पड़ रही मशक्कत मुंहमांगा दाम देने के बावजूद नहीं खत्म हो रही दौड़

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    एआरटीओ कार्यालय में बिचौलियों की चांदी, लुट रहे फरियादी

    बलरामपुर : सहायक संभागीय परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा माह के तहत लोगों को जागरूक करने का दावा कर रहा है। हकीकत तो यह है कि नियमों का पालन करने की वाहन चालक की चाह एआरटीओ कार्यालय पहुंचते ही दम तोड़ देती है। यहां वाहन फिटनेस, लाइसेंस नवीनीकरण, लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों को बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता है।

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    विभागीय अधिकारी व बाबू की सांठगांठ से बिचौलियों की पौ बारह है। ऑनलाइन आवेदन के बाद भी बिना बिचौलियों के यहां कोई काम नहीं होता है। इससे लोगों को निर्धारित शुल्क से कई गुना अधिक दाम चुकाना पड़ रहा है। बिना बिचौलियों को खुश किए ऑनलाइन आवेदन की फाइलें अफसरों की टेबल पर धूल फांकती रहती हैं।

    आवेदकों का छलका दर्द :

    - सोमवार सुबह 11.40 बजे तुलसीपुर निवासी कन्हैयालाल काउंटर पर लगी कतार में खड़े मिले। बताया कि लाइसेंस का नवीनीकरण कराना है। यहां एक बिचौलिये ने 1850 रुपये लिए थे। बोला था कि दो दिन में नवीनीकरण हो जाएगा। कई बार दौड़ चुके हैं, लेकिन अभी काम नहीं हुआ। रेहराबाजार निवासी आनंद पांडेय ने बताया कि दोपहिया-चारपहिया का स्थाई लाइसेंस बनवाना है। ऑनलाइन आवेदन के बाद जल्दी काम कराने के नाम पर यहां सक्रिय एक बिचौलिये ने दो हजार रुपये लिए हैं। आज दूसरी बार यहां आए हैं। रेहराबाजार के मुकेश चतुर्वेदी व महेश चतुर्वेदी ने बताया कि लर्निग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। दोनों ने 1500-1500 रुपये शुल्क भी बिचौलिए को दिया, लेकिन अभी काम नहीं हो सका है।

    लाइसेंस का शुल्क निर्धारण :

    - एआरटीओ कार्यालय के डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर अतुल जायसवाल ने बताया कि दोपहिया-चारहिया के लर्निग लाइसेंस के लिए 350 रुपये सरकारी शुल्क निर्धारित है। स्थाई लाइसेंस के लिए शुल्क 1000 रुपये है। लाइसेंस नवीनीकरण पर न्यूनतम शुल्क एक हजार रुपये है। प्रति वर्ष विलंब दंड पर 200 रुपये के हिसाब से अतिरिक्त देना होगा। वाहन फिटनेस के लिए 600 से 1000 रुपये शुल्क निर्धारित है।

    बिचौलियों पर कसेगी नकेल :

    - सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरविंद कुमार यादव का कहना है कि बिचौलियों पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन की मदद ली जाएगी। आमजन जनसुविधा केंद्रों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कार्यालय में यदि कोई अतिरिक्त शुल्क मांगता है, तो इसकी शिकायत करें।