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    बलरामपुर में निविदा के फेर में उलझी लाइब्रेरी, फर्नीचर और किताबों की खरीद पर लगी रोक

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 03:48 PM (IST)

    बलरामपुर में लाइब्रेरी का काम निविदा प्रक्रिया में फंस गया है, जिससे फर्नीचर और किताबों की खरीद रुक गई है। कागजी कार्रवाई में देरी के कारण लाइब्रेरी क ...और पढ़ें

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    संवादसूत्र जागरण बलरामपुर। गांवों में ही बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की आनलाइन तैयारी के लिए गांव में डिजिटल पुस्तकालय की कवायद पिछले वित्तीय वर्ष से पंचायत राज विभाग में चल रही है। जिले में 205 पंचायतों में पुस्तकालय खोली जानी है।

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    इसके लिए अक्टूबर में विभाग को बजट भी आवंटित कर दिया गया है, दो माह बीतने बाद भी विभाग फर्नीचर व किताबों की खरीद के निविदा प्रक्रिया में उलझा है। इससे पुस्तकालय कागजों में सीमित है। ऐसे में ग्रामीण बच्चाें का इंतजार बढ़ रहा है।

    प्रत्येक पुस्तकालय पर खर्च होगा चार लाख

    गांवों में आर्थिक रूप से कमजोर होनहार बच्चों को पढ़ाई के लिए पुस्तकों का अभाव न हो, इसके लिए पंचायतीराज विभाग ने पंचायत भवनों में चार लाख की लागत से प्रत्येक डिजिटल पुस्तकालय स्थापना की स्थापना का निर्णय लिया था। पहले चरण में जिले में 205 ग्राम पंचायतों में पुस्तकालय की स्थापना कराई जानी है।

    ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत भवनों में डिजिटल पुस्तकालय (बाल एवं किशोर पुस्तकालय) स्थापित करने के लिए जिला स्तरीय समिति ने ग्राम पंचायतों का चयन किया है। यही समिति पुस्तकालय के लिए पुस्तकें खरीदेगी।

    निदेशक पंचायतीराज अमित कुमार सिंह ने जिलों को बजट आवंटन के साथ ही निविदा प्रक्रिया पूरी करके पुस्तकालय की स्थापना के निर्देश दिए थे, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी विभाग पुस्तक व फर्नीचर की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका है।

    सदर विकास खंड में 36 ग्राम पंचायत में स्थापित पंचायत भवन का चयन डिजिटल पुस्तकालय के लिए किया गया है, इसी तरह श्रीदत्तगंज में 17, रेहराबाजार में 28, गैंडासबुर्जुग में 11, उतरौला मेें 21, गैसड़ी में 29, तुलसीपुर में 26, पचपेड़वा में 12 व हरैया सतघरवा में 26 का चयन किया गया है।

    नेशनल बुक ट्रस्ट व शासकीय प्रकाशकों से खरीदनी हैं पुस्तकें

    निधर्धारित धनराशि में से 50 प्रतिशत पुस्तक नेशनल बुक ट्रस्ट के माध्यम व 50 प्रतिशत शासकीय आदि प्रकाशको की पुस्तकें खरीदी जाएंगी। इसमें स्थानीय भाषाओं के साहित्यकारों, प्रकाशन, स्वतंत्रता सेनानियों, राष्ट्रनायकों एवं शहीदों की जीवनी, स्थानीय व क्षेत्रीय लेखकों, प्रतिष्ठित विद्वानों की पुस्तके व कवियों की पुस्तके शामिल होगी। इनमें स्थानीय इतिहास संस्कृति साहित्य से संबंधित को भी शामिल किया जाएगा।

    प्रतियोगी पुस्तकों संग छात्रों के आवश्यकतानुसार व महिलाओं एवं बाल साहित्य से संबंधित ज्ञानवर्धक पुस्तकों को भी शामिल किया जाना है। शासकीय प्रकाशकों आदि प्रकाशकों की पुस्तकें जिला स्तरीय समिति द्वारा चयनित किया जाना है।

    डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना को लेकर फनींवर की आपूर्ति के लिए निविदा जेम पोर्टल पर आमंत्रित की गई है। निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। -हिमांशु गुप्त, मुख्य विकास अधिकारी।