यूपी में डेढ़ साल के बच्चे को खा गया तेंदुआ, मां के बगल में सो रहा था; रात के समय उठा ले गया
बलरामपुर के नेवलगंज में एक तेंदुआ रात में मां के बगल सो रहे डेढ़ साल के बच्चे को उठाकर ले गया। सुबह बच्चे का शव बरामद हुआ, जिससे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। वन विभाग जांच कर रहा है। इसी बीच, गौरा चौराहा में तेंदुए ने नीलगाय का शिकार किया, जिससे ग्रामीणों में दहशत है।

जागरण संवाददाता, बलरामपुर। बनकटवा रेंज अंतर्गत ग्राम पंचायत नेवलगंज के मजरे रेहारपुरवा झौहना में शनिवार की रात मां के बगल सो रहे डेढ़ वर्षीय बच्चे को लेकर तेंदुआ भाग गया। रविवार सुबह गांव से कुछ दूरी पर बच्चे का शव पाया गया।
मृतक बच्चे की मां इंदिरावती बरहवा गांव के मजरे गुरदासपुरवा की रहने वाली है। वह अपने नंदोई भगवत राम के यहां लड़की के गौना में शामिल होने आई। रात में घटी इस घटना से मां का रो-रोकर हाल बेहाल व ग्रामीणों में दहशत है। हालांकि वन विभाग के अधिकारी हमलावर वन्यजीव के तेंदुआ होने की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
-इंदिरावती ने बताया कि वह शनिवार की रात अपने बेटे रोहित के साथ घर में लेटी थी। अचानक तेंदुआ घर में घुस आया और पास में सो रहे रोहित को उठाकर भागने लगा। घर की महिलाओं ने पीछा किया, तब तक तेंदुआ बच्चे को लेकर गायब हो गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना यूपी डायल 112 को दी। पुलिस टीम व ग्रामीणों ने काफी खोजबीन की।
रात भर तलाश के बाद भी कुछ पता नहीं चला। रविवार सुबह गांव के पश्चिम करीब डेढ़ सौ मीटर दूर बच्चे का शव मिला। शव मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। जिस घर में मंगलगीत गाए जा रहे थे, वहां चीख-पुकार मच गई।
रेंजर शत्रोहन लाल ने बताया कि बच्चे को जंगली हिंसक जानवर ने मारा है, परंतु किस जानवर ने मारा है, इसकी जांच की जा रही है। हरैया थाना प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि विधिक कार्रवाई की जा रही है।
तेंदुए ने नीलगाय को बनाया शिकार
गौरा चौराहा : तुलसीपुर यूनिट के गौरा चौराहा अंतर्गत ग्राम त्रिलोकपुर गांव में रविवार सुबह तेंदुआ ने नीलगाय को ग्रामीणों के सामने दौड़ाकर शिकार बनाया। तेंदुए के हमले से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है।
ग्रामीणें के शोर मचाने पर तेंदुआ नीलगाय को छोड़कर हट गया, लेकिन कुछ ही देर में पुन: आकर नीलगाय को झाड़ियों में घसीट ले गया। प्रधान मोहम्मद इरफान ने बताया कि नीलगाय का शिकार करने के बाद से ही तेंदुआ बार-बार वापस आता है और थोड़ा सा खाकर चला जाता। दिन भर में पांच बार तेंदुआ आ चुका है।

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