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    Leopard Attack : अलाव ताप रहे बच्चे को दबोच ले गया तेंदुआ, झाड़ी में मिला शव-12 दिन में तेंदुए ने तीसरे बच्चों को बनाया निवाला

    By Jagran NewsEdited By: Mohammed Ammar
    Updated: Thu, 16 Nov 2023 10:57 PM (IST)

    UP News in Hindi बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने तेंदुए को खदेड़ा लेकिन वह अंधेरे में गुम हो गया। वन विभाग की टीम भी गांव में पहुंची। ग्रामीणों के साथ वनकर्मियों ने तलाश शुरू की। काफी खोजबीन के बाद गांव से थोड़ी दूर विकास का क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला। विकास का शव देखते ही ग्रामीण भड़क उठे।

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    Leopard Attack : अलाव ताप रहे बच्चे को दबोच ले गया तेंदुआ

    जागरण संवाददाता, बलरामपुर : लालनगर सिपहिया गांव में वन विभाग की टीम पिंजड़ा, ट्रैकिंग कैमरा व हाथों में बंदूक लिए निगरानी करती रही। वहीं आतंक का पर्याय बन चुका नरभक्षी तेंदुआ गुरुवार की शाम बगल के गांव बेलवा से सात वर्षीय विकास पुत्र जगदंबा को जबड़े में दबोच ले गया। विकास का शव गांव से थोड़ी दूर झाड़ियों में मिला। 12 दिनों के भीतर तेंदुए ने तीसरे बच्चे को निवाला बनाया। इस पर ग्रामीणों का आक्रोश भड़क उठा।

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    नाराज ग्रामीणों ने वन क्षेत्राधिकारी केपी सिंह के साथ धक्का-मुक्की की। इतना सब होने के बावजूद प्रभागीय वनाधिकारी अपनी टीम मजबूत होने का दम भर रहे हैं। गुरुवार की शाम बेलवा गांव में विकास अपने घर के सामने अलाव ताप रहा था। इसी बीच तेंदुआ उसे जबड़े में दबोच कर भाग निकला।

    ग्रामीणों ने तेंदुए को खदेड़ा, लेकिन वह अंधेरे में गुम हो गया। वन विभाग की टीम भी गांव में पहुंची। ग्रामीणों के साथ वनकर्मियों ने तलाश शुरू की। काफी खोजबीन के बाद गांव से थोड़ी दूर विकास का क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला। विकास का शव देखते ही ग्रामीण भड़क उठे। ग्रामीणों ने वन क्षेत्राधिकारी को घेरकर धक्का-मुक्की की। पूर्व ब्लाक प्रमुख विजय कुमार यादव ने ग्रामीणों को शांत कराने का प्रयास किया।

    नहीं पहुंचे आला अधिकारी 

    12 दिनों के भीतर तेंदुए के हमले में तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। इससे वन विभाग की मुस्तैदी व सुरक्षा दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं। इससे पूर्व 11 नवंबर को लालनगर सिपहिया गांव में तेंदुए ने छह वर्षीय अरुण वर्मा पुत्र बड्डे को अपना निवाला बनाया था।

    चार नवंबर को इसी गांव की तीन वर्षीया वंदनी को तेंदुआ जबड़े में दबोच कर उठा ले गया था। पांच दिन बाद उसके शव के अवशेष खेत में पाए गए थे। तेंदुए को पकड़ना वन विभाग के लिए चुनौती बन गया है। वहीं तीन मौतों के बाद भी जिले के आला अधिकारियों ने प्रभावित गांव में जाने की जहमत नहीं उठाई है। नरभक्षी तेंदुए के आतंक से बच्चों की जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा है।