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    कानपुर और लखनऊ के बाद यूपी के इस जिले में डाॅ. शाहीन के लिंक की तलाश, खुफिया एजेंसियां सतर्क

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 04:52 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में कानपुर और लखनऊ के बाद एक अन्य जिले में डॉक्टर शाहीन के संबंधों की खोज जारी है। खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं और गहन जांच कर रही हैं। डॉक ...और पढ़ें

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    भारत-नेपाल सीमा से सटे पचपेड़वा में फर्जी अस्पतालों का गढ़, पचपेड़वा के चिकित्सक की डिग्री पर तीन जिलों में फर्जी अस्पताल खोले जाने का था मामला


    श्लोक मिश्र, बलरामपुर। दिल्ली विस्फोट के बाद खुफिया एजेंसी की सतर्कता से स्वास्थ्य विभाग में अफरातफरी है। कारण, इंटेलिजेंस जिले में डा. शाहीन का लिंक तलाश रही है। भारत-नेपाल का सीमावर्ती जिला होने के कारण बलरामपुर संवेदनशील है।

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    पाकिस्तानी व तुर्किए से सेमिनार, फेलोशिप व रिसर्च प्रोजेक्ट के नाम पर कौन-कौन से लोग नेपाल की बार-बार यात्रा कर रहे हैं या फिर यात्रा प्रस्तावित है, इसका पता इंटेलिजेंस लगा रही है। यही नहीं, भारत-नेपाल सीमा पर पचपेड़वा के बेलभरिया, चंदनपुर, लक्ष्मीनगर, जूड़ीकुइंया, आजमडीह, मजगवां आदि बाजारों में कई नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित हैं। यहां के अस्पतालों में लगी एमबीबीएस की डिग्री नेपाल, चीन या पाकिस्तान से संबंधित तो नहीं है, इसकी कुंडली खंगाली जा रही है।

    नेपाल सीमा से सटा जिला होने के कारण संवेदनशीलता व मतांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी को देखते हुए खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं। बीते 19 नवंबर को सीएमओ कार्यालय में खुफिया एजेंसी की टीम ने आकर पूछताछ की थी। इससे विभागीय अधिकारी व कर्मचारी सकते में हैं।

    यूं तो स्वास्थ्य विभाग के कागजों में 67 नर्सिंग होम व 10 क्लीनिक पंजीकृत हैं, जबकि 150 से अधिक अस्पताल अफसरों की दया से चल रहे हैं। ऐसे में अब इन नर्सिंग होम के पंजीकरण में लगी एमबीबीएस डिग्री चीन, नेपाल या पाकिस्तान की तो नहीं है, इसकी छानबीन की जा रही है।

    जूड़ीकुइंया है अत्यधिक संवेदनशील

    पचपेड़वा विकास खंड के कई गांव नेपाल सीमा से सटे हुए हैं। नेपाल से छह से 10 किलोमीटर की दूरी होने के कारण वहां के मरीज भी बहुतायत में इलाज कराने पचपेड़वा पहुंचते हैं। पचपेड़वा का जूड़ीकुइयां फर्जी निजी अस्पतालों का गढ़ माना जाता है। अक्सर यहां विदेशों के चिकित्सकों के सम्मेलन व गैर जनपदों के चिकित्सकों के हाथों सर्जरी की बात सामने आती रहती है। इसलिए यह इलाका अत्यधिक संवेदनशील है।

    एमबीबीएस डिग्री के फर्जी उपयोग पर तीन अस्पतालों का भी पचपेड़वा से जुड़ा तार

    बीते अक्टूबर में एमबीबीएस डिग्री का फर्जी प्रयोग कर लखनऊ, बहराइच व सीतापुर में पांच अस्पतालों के संचालन का मामला प्रकाश में आया था। पचपेड़वा के बेतहनिया गांव निवासी डा. जावेद खान ने उनकी डिग्री पर सीतापुर के रेउसा में लखनऊ सेवा हास्पिटल, बहराइच के राजी चौराहा महसी में न्यू लखनऊ हास्पिटल एवं जैतरापुर बाजार बिसवा रोड बहराइच में एआर नर्सिंग होम का संचालन उनकी डिग्री पर होने की बात कही।

    आरोप लगाया था कि इन अस्पतालों का संचालक मोहम्मद रजा लखनऊ व नानपारा में भी अस्पताल चलाता है। चिकित्सक को धमकी देने व अन्य आरोपों में पचपेड़वा थाना में बहराइच के शैदा बभनी रिसिया निवासी मोहम्मद रजा, डाॅ. आवेश, डाॅ. फरहीन समेत जिले के महाराजगंज तराई निवासी मोहम्मद शफीक, नई बाजार पचपेड़वा के हस्मान व कारी कदीर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था।

    इस मामले के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की नींद नहीं टूटी। अब डा. शाहीन का लिंक ढूंढ़ने को जब इंटेलिजेंस सक्रिय हुआ है, तो अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है।

    नवंबर में इंटेलिजेंस टीम आई थी। टीम ने नेपाल, चीन व पाकिस्तान मूल से संबंध रखने वाले चिकित्सकों के बारे में पूछताछ कर रहे थे। फिलहाल चिकित्सकों का जो विवरण है, उससे अवगत करा दिया गया था। 19 नवंबर के बाद पुन: इंटेलिजेंस नहीं आई है।

    -डाॅ. मुकेश कुमार रस्तोगी, सीएमओ