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    तीन दिन अस्पताल आते चिकित्सक, फार्मासिस्ट के सहारे मरीज

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 17 Aug 2022 09:31 PM (IST)

    बाजार दिखा गांव में खोल दिया अस्पताल चिकित्सा की उम्मीद ही बेहाल

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    तीन दिन अस्पताल आते चिकित्सक, फार्मासिस्ट के सहारे मरीज

    तीन दिन अस्पताल आते चिकित्सक, फार्मासिस्ट के सहारे मरीज

    संवादसूत्र, बलरामपुर : स्वास्थ्य विभाग भले ही सभी जरूरतमंदों तक चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने के लिए छुट्टी में इलाज की सुविधा दे रहा है, लेकिन एक अस्पताल ऐसा भी है जिसके साथ खुद ही विभाग छल कर रहा है। कारण कागजों में महदेइया बाजार में संचालित दिखाए जा रहे यूनानी अस्पताल का संचालन वहां से तीन किलोमीटर दूर महदेइया गांव में कर दिया गया है। यहां मरीज तो दूर आम आदमी को भी पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है। ग्रामीणों के अलावा किसी और को अस्पताल होने की जानकारी ही नहीं हो पाती है। ऐसे में यूनानी पद्धति से इलाज कराने की इच्छा लेकर आए क्षेत्रवासियों को महदेइया बाजार में क्लीनिक चला रहे कई झोलाछाप यूनानी पद्धति से इलाज का दावा कर लूट रहे हैं। यहां तैनात चिकित्सक सप्ताह में तीन दिन ही आते हैं। डाक्टर साहब तीन दिन ही आते हैं अस्पताल : अस्पताल में डाक्टर दिनेश कुमार, फार्मासिस्ट मोहम्मद सुहैल, वार्ड ब्वाय अजीजुर्रहमान की तैनाती है, लेकिन बुधवार को मौके पर फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय ही मिले। चिकित्सक डा. दिनेश कुमार नहीं थे। अस्पताल के बोर्ड पर स्थानांतरित हो चुके चिकित्सक डा. सुहैल का नाम अब भी दर्ज है जबकि संबद्ध चिकित्सक डा. दिनेश कुमार का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डाक्टर बहुत कम ही आते हैं। डाक्टर के न रहने से मरीजों का आना कम हो गया है। हालांकि फार्मासिस्ट का दावा था कि दिन भर में 25 मरीज आ जाते हैं। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. दिग्विजयनाथ ने बताया कि यहां डा. सुहैल का तबादला होने के बाद चिकित्सक डा.दिनेश कुमार को संबंद्ध किया गया है जो तीन दिन ही आते हैं। बाकी दिनों में फार्मासिस्ट दवाएं देता है।

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