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    ऑनलाइन गेमिंग एप से साइबर ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार, 85 खातों से 24 करोड़ रुपये का हुआ लेन-देन

    बलरामपुर में साइबर क्राइम पुलिस ने चाइनीज लोनिंग एप के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह के तीन और सदस्यों को गिरफ्तार किया है। राहुल मिश्र निर्मल कुमार और धर्मेंद्र सिंह नामक ये आरोपी गेमिंग और बेटिंग एप के जरिए धोखाधड़ी करते थे। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि गिरोह के सरगना सस्पियर की बाइनेंस आइडी अनिरुद्ध के नाम पर थी जिसे राहुल और निर्मल ने बनवाया था।

    By Jagran News Edited By: Sakshi Gupta Updated: Mon, 25 Aug 2025 07:27 PM (IST)
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    ऑनलाइन गेमिंग एप से साइबर ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, बलरामपुर। चाइनीज लोनिंग एप के जरिए साइबर ठगी कर करोड़ों रुपये क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित कर विदेश भेजने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोह के सरगना सस्पियर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की धरपकड़ जारी है।

    साइबर क्राइम थाना की पुलिस ने गेमिंग, बेटिंग एप के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों की पहचान राहुल मिश्र निवासी ग्राम भरेथा कोतवाली अमेठी (हालपता फ्लैट नंबर 401 गोवर्धन इन्क्लेव वृंदावन सेक्टर 18 थाना पीजीआइ लखनऊ), निर्मल कुमार निवासी ग्राम बहोरा थाना जहानगंज फर्रूखाबाद (हालपता एलडीए कालोनी सेक्टर एचएसएस 1624 आशियाना लखनऊ) व धर्मेंद्र सिंह निवासी ग्राम सरैया भाऊपुर थाना औरैया (हालपता चौहानपुरम अमौसी एयरपोर्ट थाना सरोजनीनगर लखनऊ) के तौर पर हुई है। अब तक पुलिस अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के 12 सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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    पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि गिरोह का सरगना सस्पियर जो बाइनेंस आइडी चलाता था, वह पूर्व में गिरफ्तार हुए अनिरुद्ध के नाम पर था। अनिरुद्ध ने बताया था कि उसकी बाइनेंस आइडी राहुल और निर्मल ने मिलकर बनवाई थी। इसी आधार पर निर्मल और राहुल की गिरफ्तारी की गई।

    निर्मल ने अपने अन्य दो साथियों के साथ मिलकर अनिरुद्ध की आइडी बनवाई थी। निर्मल और राहुल दोनों साइबर फ्राड के अपराध में लिप्त हैं। इनसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 85 बैंक खाते राहुल के पास से प्राप्त हुए हैं। इनमें से 31 बैंक खातों के लेनदेन की जांच की गई है, जिसमें 24 करोड़ 29 लाख 90 हजार 736 रुपये का लेनदेन सामने आया है।

    निर्मल के पास भी कुछ खाते मिले हैं। इनके साथ गिरफ्तार धर्मेंद्र सिंह के पास भी कुछ खाते पाए गए हैं। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि बैंक खाता उपलब्ध करवाना साइबर अपराध का एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हैं, जो लखनऊ व अन्य जनपदों में सक्रिय हैं। खाता उपलब्ध कराने वाले कुछ लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जिनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

    लोन एप के माध्यम से उपलब्ध कराते थे बैंक खाते

    एसपी ने बताया कि आरोपित लोन एप के माध्यम से फ्राड करने के लिए खाते दे रहे थे। साथ ही आनलाइन गेमिंग के जरिए फ्राड के पैसे निकालने के लिए भी खाते देते थे। जो 85 खाते सामने आए हैं, वह सभी करंट अकाउंट हैं, जो लोन एप के माध्यम से फ्राड करने के लिए उपयोग में लाए जा रहे थे।

    इस पर एक और मुकदमा लोन एप फ्राड के लिए दर्ज किया जा रहा है। इसमें लिप्त आरोपितों पर कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई तब तक जारी रहेगी, जब तक इस पूरे गिरोह को खत्म न कर दिया जाए।