Cyber Crime: सस्पियर को रुपये भेजने वाला साइबर ठग बलरामपुर से गिरफ्तार, साइबर ठगी का संगठित गिरोह सक्रिय
Organized Gang Of Cyber Fraud अब तक पुलिस अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के 13 सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है। यह सभी चीन के लोनिंग एप के माध्यम से आम लोगों को फंसाकर ठगी के करोड़ों रुपये क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट कर विदेशी नेटवर्क तक पहुंचाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य हैं।
जागरण संवाददाता, बलरामपुर : चाइनीज लोनिंग एप के जरिए साइबर ठगी कर करोड़ों रुपये क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित कर विदेश भेजने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोह के सरगना सस्पियर की गिरफ्तारी के बाद बलरामपुर पुलिस उसके सहयोगियों की धरपकड़ में लगी है। विदेशों में 112 करोड़ 65 लाख रुपये की टेरर फंडिंग की पुष्टि के बाद से सभी राज्यों की पुलिस सक्रिय है।
बलरामपुर में साइबर क्राइम थाना की पुलिस ने सस्पियर की बाइनेंस आइडी पर रुपये भेजने वाले आरोपित सौरभ को बुधवार को गिरफ्तार किया है। सौरभ कुमार निवासी ग्राम सिरसा खास थाना सिरसागंज जनपद फिरोजाबाद (हाल का पता 145-ए सेक्टर-एम आशियाना लखनऊ) के मोबाइल में मिले आडियो से सस्पियर की आइडी में रुपये के लेनदेन की पुष्टि हुई है। अब तक पुलिस अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के 13 सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है। यह सभी चीन के लोनिंग एप के माध्यम से आम लोगों को फंसाकर ठगी के करोड़ों रुपये क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट कर विदेशी नेटवर्क तक पहुंचाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य हैं।
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि गिरोह का सरगना सस्पियर जो बाइनेंस आइडी चलाता था, उससे सौरभ की बाइनेंस आइडी से रुपये के लेनदेन किया गया है। सौरभ ने बताया कि वह पहले से गिरफ्तार हुए निर्मल का साथी है। उसके साथ मिलकर आनलाइन गेमिंग, बेटिंग, सट्टा एप फ्राड से संबंधित कार्य करता था। इसमें फर्जी फर्म का करेंट अकाउंट, जिसकी प्रतिदिन लेनदेन की लिमिट लाखों में हो, वाट्सएप और टेलीग्राम एप के माध्यम से साइबर फ्राडस्टर एजेंटों से संपर्क कर प्राप्त करता था।
आनलाइन गेमिंग, बेटिंग एप से प्राप्त धनराशि के सेटलमेंट के लिए कुछ गेमिंग एप जैसे शार्प-पे, सुपर-पे, ब्रो-पे आदि से जुड़े एजेंटों को उपलब्ध कराता था। आनलाइन बेटिंग एप से प्राप्त होने वाले लाभांश एवं गेमिंग एप से सरकार को प्राप्त होने वाले टैक्स की धनराशि को अवैध तरीके से प्राप्त कर धनार्जन किया जाता है।
दो से तीन प्रतिशत कमीशन
सौरभ ने बताया कि इस कार्य के लिए उन लोगों को कुल लेनदेन की धनराशि का दो से तीन प्रतिशत कमीशन प्राप्त होता हे। जब उन बैंक खातों पर कोई शिकायत दर्ज होती है या बैंक द्वारा खातों को फ्रीज कर दिया जाता है, तो वह लोग उसी तरह नए बैंक अकाउंट प्राप्त कर साइबर फ्राड करते हैं। इसके अतिरिक्त बाइनेंस व अन्य क्रिप्टो वालेट के माध्य से फ्राड में जो भी धनराशि प्राप्त होती थी, उसमें से अपना कमीशन काटकर समस्त धनराशि देश-विदश में बैठे साइबर फ्राडस्टर्स के भेज दिया जाता था। सौरभ से पहले गिरफ्तार निर्मल व अनिरुद्ध की जो बाइनेंस आइडी बनवाकर सस्पियर को उलब्ध कराई गई थी, उससे लेनदेन करते थे।
महिलाओं का करता था शोषण
एसपी ने बताया कि सौरभ के मोबाइल में मिले साक्ष्यों में सामने आया है कि वह फोन पर कई महिलाओं के साथ अश्लील बातें करता था। मोबाइल में यह समझौता पत्र भी मिला है, जिसमें साथ रहने के बाद भी कभी शादी का दबाव न बनाने व कार्रवाई न करने का जिक्र है। साथ ही मोबाइल में दो फर्जी आधार भी पाए गए हैं, जिनमें से एक सौरभ कुमार व दूसरा सौरभ सिंघानिया के नाम पर है।
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