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    सामुदायिक शौचालयों में ताला..और ओडीएफ का हवाला

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 18 Jul 2021 10:55 PM (IST)

    800 ग्राम पंचायतें में 60 करोड़ से बने सामुदायिक शौचालय खुले में शौच जाने से नहीं खत्म हो रही गंदगी

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    सामुदायिक शौचालयों में ताला..और ओडीएफ का हवाला

    बलरामपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को जिम्मेदार ही पलीता लगा रहे हैं। गांवों को खुले में शौचमुक्त कर स्वच्छ बनाने की मंशा ग्राम पंचायत अधिकारियों की उदासीनता से परवान नहीं चढ़ पा रही है। वजह, जिले की ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये खर्च करके सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया, लेकिन उसका ताला अब तक नहीं खुल सका। इससे आज भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। दीवारों पर लिखे स्वच्छता स्लोगन व जागरूक करते चित्र महज दिखावा बनकर रह गए हैं। सामुदायिक शौचालय शुरू न होने से गांवों को ओडीएफ बनाने का दावा हवाई साबित हो रहा है। गांवों में गंदगी के कारण संक्रामक बीमारियां पांव पसार रहीं हैं।

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    जिले के सभी 800 ग्राम पंचायतों में 60 करोड़ रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। ग्राम पंचायतों में दो प्रकार के सामुदायिक शौचालय बनवाए गए हैं। अधिक आबादी वाले ग्राम पंचायतों में साढ़े सात लाख और कम आबादी वाले ग्राम पंचायतों में साढ़े पांच लाख रुपये में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इसका लाभ जिले की करीब 20 लाख आबादी को मिलना है।

    विभागीय अधिकारियों की मानें तो सामुदायिक शौचालय संचालन की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी जानी है। समूह गठन न होने व अन्य समस्याओं के कारण शौचालय शुरू नहीं हो सके हैं। -09 ब्लाक।

    -800 ग्राम पंचायतों में बनवाए गए सामुदायिक शौचालय।

    -20 लाख ग्रामीण आबादी को मिलना है लाभ।

    -60 करोड़ रुपये की लागत से हुआ निर्माण।

    -5.50 लाख व 7.50 लाख रुपये के अलग-अलग बने सामुदायिक शौचालय।

    जल्द शुरू होंगे शौचालय:

    जिला पंचायत राज अधिकारी नीलेश प्रताप सिंह का कहना है कि सामुदायिक शौचालयों का निर्माण हो चुका है। इसके संचालन के लिए महिला स्वयं सहायता समूह को जिम्मेदारी दी जाएगी। एक माह के भीतर सभी शौचालय शुरू हो जाएंगे।